[ad_1]
हाइलाइट्स
रातभर जागने से मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है.
सभी लोगों को रात को 10-11 बजे तक सो जाना चाहिए, ताकि सेहत दुरुस्त रहे.
Healthiest Time To Sleep: स्वस्थ रहने के लिए सभी लोगों को प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए. आमतौर पर सभी लोग रात को सोते हैं, लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के सोने और जागने का रुटीन बिगड़ गया है. पहले के जमाने में लोग सूरज डूबने के बाद अंधेरा होते ही सो जाते थे, लेकिन अब लोग देर रात तक जागते रहते हैं. टीवी, स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के इस्तेमाल ने भी लोगों को रात में जागना सिखा दिया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रात को देर तक नहीं जागना चाहिए. ऐसा करने से हमारे शरीर की सर्केडियन रिदम यानी इंटरनल क्लॉक का सिस्टम गड़बड़ हो सकता है. इससे आप बीमारियों का शिकार हो सकते हैं.
सही समय पर न सोने से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और फिजिकल व मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है. अब सवाल है कि क्या रात को सोने का भी कोई परफेक्ट टाइम होता है? साल 2021 में इसे लेकर एक रिसर्च सामने आई थी, जिसमें पता चला कि लोगों को रात 10 बजे तक सो जाना चाहिए. यह स्टडी UK में की गई थी, जिसमें 88000 वयस्कों को शामिल किया गया था. रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया कि रात 10 बजे तक सोना सेहत के लिए परफेक्ट टाइम माना जा सकता है. कई अन्य स्टडी में रात 10 से 11 बजे के बीच सोना भी फायदेमंद माना गया है.
क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार रात को 10-11 बजे तक सोना अच्छा माना जाता है, लेकिन इसे मैजिक नंबर नहीं मान सकते हैं. हर किसी को अपनी पर्सनल हेल्थ के अनुसार नींद की अलग जरूरत हो सकती है. हालांकि स्वस्थ रहने के लिए लोगों को रोज रात को एक निश्चित समय पर सो जाना चाहिए और एक निश्चित समय पर जागना चाहिए. इतना ही नहीं, रोजाना निश्चित समय पर खाना खाने से भी सेहत को अनगिनत लाभ मिल सकते हैं. अगर आप खाने-पीने और सोने-जागने की कंसिस्टेंसी बरकरार रखेंगे, तो स्वास्थ्य बेहतर रखा जा सकता है. इससे आपके शरीर की फंक्शनिंग बेहतर हो जाएगी.
आप सोच रहे होंगे कि रोज एक निश्चित समय पर सोने-जागने और खाने-पीने से सेहत को भला क्या फायदा हो सकता है. इस पर हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हमारे शरीर की सर्केडियन रिदम को इंटरनल क्लॉक माना जाता है. शरीर की यह क्लॉक आपकी नींद को रेगुलेट करती है. जैसे ही सूरज डूबता है और अंधेरा होने लगता है, वैसे ही आपके ब्रेन को संकेत मिलता है कि सोने का वक्त हो चुका है. सर्केडियन रिदम सिर्फ नींद ही नहीं, बल्कि हॉर्मोन्स, इम्यून सिस्टम और डाइजेशन को रेगुलेट करती है. जब आपके सोने-जागने का समय बिगड़ता है, तब मोटापा, डायबिटीज समेत कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
यह भी पढ़ें- आज की डेट में सुधारें ये 5 गंदी आदतें, जिंदगी में कभी नहीं बनेंगे कब्ज के मरीज, वैज्ञानिकों ने दिया फॉर्मूला
यह भी पढ़ें- पेट साफ करने में चमत्कारी है यह पीला फल, कोने कोने में जमी गंदगी कर देगा क्लीन, फायदे कर देंगे हैरान
.
FIRST PUBLISHED : February 27, 2024, 11:19 IST
[ad_2]
Source link