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Cinnamon Side Effects: दालचीनी का खासतौर पर गरम मसाले में इस्तेमाल किया जाता है. भारत में इसे औषधि के रूप में सेवन किया जाता है. सर्दी-जुकाम, मोटापा कम करने से लेकर इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए भी लोग दालचीनी का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन हाल ही में अमेरिका में दालचीनी को लेकर बखेरा खड़ा हो गया है. वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक हेल्थ एक्सपर्ट ने दालचीनी के पाउडर में लेड पाया है. लेड मतलब शीशा के सूक्ष्म कण. लेड अगर शरीर के अंदर चला जाए तो यह सेहत के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है. इसका सबसे ज्यादा नुकसान छोटे बच्चे और गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिरकार दालचीनी में लेड जैसे घातक तत्व आया कैसे. इससे और क्या-क्या नुकसान होते हैं और इससे बचा कैसे जाए.
दालचीनी में कैसे आया शीशा
एक्सपर्ट का कहना है कि दालचीनी में लेड धरती और एयर पॉल्यूशन के माध्यम से आता है लेकिन जब कंपनियां इसे पाउडर बनाती है तो इसमें लेड क्रोमाइट नाम का रसायन मिलाती है. इससे किसी भी चीज का कलर बेहतर हो जाता है. लेड क्रोमाइट अन्य मसालों में भी मिलाया जाता है. दालचीनी को जब सीधा पेड़ की छाल से निकाला जाता है तो धरती से इसमें इतना कम लेड आता है कि इससे कोई खास असर नहीं पड़ता लेकिन अगर पेड़ का आसापास वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा है या वहां ज्वालामुखी से गैस के गुब्बार उठते हैं तो इससे छाल में लेड चिपक सकता है. हालांकि घातक तब और ज्यादा हो जाता है जब इसमें लेड क्रोमाइट मिलाया जाता है. अमेरिका में दालचीनी में प्रति 10 लाख में 5110 पार्ट लेड पाया गया लेकिन यूरोपियन यूनियन के मानक के मुताबिक प्रति 10 लाख में 2 पार्ट से ज्यादा लेड नहीं होना चाहिए.
लेड के सेहत पर नुकसान
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक लेड की ज्यादा मात्रा सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह है. यह खासकर शिशु और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत घातक है. अगर शरीर में लेड पहुंच जाए तो यह ब्रेन, लिवर, किडनी और हड्डियों पर हमला करने लगता है. यह शरीर में जाकर दांत और हड्डियों में जमा होने लगता है. अगर प्रेग्नेंट महिलाओं में लेड पहुंच जाए तो बच्चे में विकार पैदा हो सकता है. लेड सेंट्रल नर्वस सिस्टम को डैमेज करने लगता है जिससे बौद्धिक संबंधी कई तरह के नुकसान होते हैं.
दालचीनी का सेवन कैसे करें
दालचीनी में कितना लेड है, इसका पता लगाना लैब में मुश्किल है. इसे लैब में ही पता लगाया जा सकता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि आपको लगता है कि आपके घर में जो दालचीनी है उसकी क्वालिटी सही नहीं है तो इसका सेवन कम करें. कम सेवन करने का तरीका यह है कि यदि आप 1 ग्राम सेवन करते हैं तो उसे आधा ग्राम कर दें. बाजार में अगर फ्लेवर्ड दालचीनी मिल रही है तो उसका सेवन न करें. या किसी चीज में फ्लेवर्ड दालचीनी मिलाई गई तो भी उससे बचें. खाली पेट दालचीनी के सेवन से बचें क्योंकि खाली पेट लेड बहुत तेजी से एब्जॉर्ब्ड हो जाता है.
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Tags: Health, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : March 19, 2024, 10:39 IST
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