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3 जगह से टूट गई रीढ़ की हड्डी, ऑपरेशन के बाद 24 घंटे में चलने लगा मरीज

3 जगह से टूट गई रीढ़ की हड्डी, ऑपरेशन के बाद 24 घंटे में चलने लगा मरीज

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मनमोहन सेजू/बाड़मेर. कहते हैं कि रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद मरीज अपने पैरों पर खड़े होने के लिए तरस जाता है, वो भी अगर ऐसा हादसा किसी गरीब के साथ हो जाए, तो हालात और ज्यादा विकट हो जाते हैं. बाड़मेर में डॉक्टरों की टीम ने 15 दिन पहले नीम के पेड़ से नीचे गिरे 56 साल के एक बुजुर्ग का एक दिन पहले इलाज किया और वह दूसरे ही दिन चलने लग गया है. जब अपने पिता को खुद के पैरों पर चलते देखा तो बेटे की आंखे भर आईं.

बाड़मेर जैसे छोटे शहर में ऐसा पहली बार हुआ है कि लाखों की लागत से बड़े शहरों में होने वाला इलाज बाड़मेर में मुफ्त हुआ है. साढ़े चार घंटे चले इस ऑपरेशन में बाड़मेर जिला अस्पताल के आधा दर्जन के करीब डॉक्टरों की टीम ने इस कारनामे को कर दिखाया है. दरअसल, बाड़मेर जिले के चाडार मदरूप निवासी 56 साल के रेशमाराम कुछ दिन पहले नीम के पेड़ से नीचे गिर गए थे जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी तीन जगह से टूट गई थी. परिजन रेशमाराम को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल लेकर आए और यहां भर्ती करवाया. 5 दिन तक डॉक्टरो की देखरेख में इलाज किया गया. इसके बाद रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया.

24 घंटे में पैरों पर खड़ा हुआ मरीज

ऑपरेशन में ऑर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष डॉ. सवाईसिंह राठौड़, डॉ. अशोक कुमार, एनेस्थेसिया डॉ. भीमराज सिंघवी, डॉ. अल्का लूनिया, डॉ. अजय, ओटी इंचार्ज सीनियर नर्सिंग ऑफिसर ओमप्रकाश चौहान, जितेंद्र सिंह, छगन धनदे का सहयोग रहा है. डॉ. रमेश चौधरी के मुताबिक मरीज के ऊंचाई से गिरने की वजह से रीढ़ की हड्डी तीन जगह से फ्रैक्चर हो गई थी. रीढ़ की हड्डी के डी10, डी11 व डी12 भाग पूरी तरह से टूट गए थे. स्पाइनल सर्जरी से सभी हिस्सों को रॉड व स्क्रू लगाकर (पेडीकल स्क्रू फिक्सेशन) जोड़ा गया है. मरीज के ऑपरेशन के लिए चार दिन से प्लानिंग करते हुए सीटी स्केन सहित सभी प्रकार की जांचें करवाई गई. ऑपरेशन होने के 24 घंटे बाद ही मरीज को खड़ाकर पैरों पर चलाया गया है.

पहली बार में सफल ऑपरेशन

डॉ रमेश चौधरी के मुताबिक स्पाइन सर्जरी में मरीज को प्रोन पोजिशन में जनरल एनेस्थेसिया दिया गया. सर्जरी में ब्लडिंग के अधिक होने की संभावना को देखते हुए बीपी को लो रखा जाता है ताकि ब्लडिंग कम हो और डॉक्टर को स्पष्ट दिखाई दे सके. उल्टा सुलाने पर मरीज के सीने, आंखों, पेट सहित अंगों पर दबाव अधिक बनता है, इसका पूरा ध्यान रखा जाता है. प्रोन पोजिशन में ऑपरेशन चैलेंजिंग रहता है और यह पहला अवसर है जब बाड़मेर जैसे अस्पताल में रीढ़ की हड्डी का सफल ऑपरेशन किया गया है.

Tags: Barmer news, Health, Local18, Rajasthan news

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