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गुस्से की तीव्रता में हमारे दिमाग की बहुत बड़ी भूमिका रहती है. हमारा दिमाग ही तय करता है कि कब किस बात पर कितनी तीखी या हल्की प्रतिक्रिया जतानी है. दरअसल, गुस्सा एक ऐसी भावना है, जो हमारे साथ गुछ गलत होने या हमारे मनमुताबिक कुछ नहीं होने पर शारीरिक प्रतिक्रिया के तौर पर प्रकट होता है. कई बार ये सिर्फ चिल्लाने तक सीमित रहता है तो कई बार झगड़ा तक हो जाता है. कई बार हमारा दिमाग हमें पहले ही सचेत कर देता है कि किस व्यक्ति से उलझना हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है.
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