DMCA.com Protection Status गर्भावस्था में एनीमिया शिशु के लिए कैसे घातक? इन लक्षणों से बीमारी की करें पहचान, डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके – News Market

गर्भावस्था में एनीमिया शिशु के लिए कैसे घातक? इन लक्षणों से बीमारी की करें पहचान, डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके

गर्भावस्था में एनीमिया शिशु के लिए कैसे घातक? इन लक्षणों से बीमारी की करें पहचान, डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके

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हाइलाइट्स

एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जहां गर्भवती के रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है.
एनीमिया की कमी से शरीर में ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाती है, जिससे जोखिम बढ़ सकता है.

Causes of anemia during pregnancy: प्रेग्नेंसी के समय एक मां की सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि, मां की सेहत पर ही बच्चे की सेहत निर्भर करती है. यदि मां की सेहत खराब होगी तो बच्चे पर सीधा असर पड़ेगा. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर की सलाह से जरूरी टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है. वैसे तो गर्भावस्था के दौरान कई बीमारियों का खतरा बढ़ता है, लेकिन एक बीमारी का जिक्र बार-बार आता है. इस बीमारी का नाम है एनीमिया. जी हां, एनीमिया की बीमारी बेहद कॉमन और घातक है.

प्रेग्नेंसी के दौरान मां के शरीर में खून की कमी होने से एनीमिया का खतरा बढ़ता है. इस बीमारी से मां के साथ-साथ पेट में पल रहे बच्चे की सेहत पर भी गहरा असर पड़ सकता है. एनीमिया की जांच आमतौर पर प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीनों में किया जाता है, क्योंकि आखिरी तीन महीनों में ही बच्चे के विकास में खून की सबसे ज्यादा खपत होती है. अब सवाल है कि एनीमिया होने के कारण क्या हैं? किन लक्षणों से बीमारी की करें पहचान? शिशु की सेहत पर क्या पड़ता है असर और कैसे करें बचाव? इन सवालों के बारे में बता रही हैं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कन्नौज की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अमृता साहा-

एनीमिया होने का कारण?

डॉ. अमृता साहा के अनुसार, एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जहां पर एक गर्भवती महिला के रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से काफी कम हो जाता है जिसकी वजह से पूरे शरीर में ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाता है. सामान्य तौर पर एनीमिया की स्थिति तब मानी जाती है जब आपको पर्याप्त मात्रा में आयरन ना मिले. आयरन अगर नहीं मिलेगा तो रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाएगा और इसी रक्त की कमी को एनीमिया कहते हैं.

क्या हैं एनीमिया के लक्षण?

गर्भवती महिला में हीमोग्लोबिन न होने से शरीर के अंगों और ऊतकों को सामान्य से कम ऑक्सीजन मिलेगी. जिससे थकान, कमजोरी या ऊर्जा में कमी आदि महसूस होने लगेगा. इसके अलावा, सांस की कमी महसूस होना, चक्कर आना, सिर दर्द होना. चिड़चिड़ापन, टांगों में ऐंठन, बाल झड़ना, भूख कम हो जाना आदि भी मुख्य लक्षण हैं. हालांकि, ये बहुत साधारण लक्षण हैं, जिनके जरिए गर्भवती महिला में आसानी से पता लगाया जा सकता है कि वह एनीमिया से पीड़ित है या नहीं. एक आंकड़े के अनुसार, भारत में 10 में से 6 गर्भवती महिलाओं में एनीमिया है.

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एनीमिया का बच्चे पर प्रभाव

पेट में पल रहे शिशु पर एनीमिया का क्या प्रभाव पड़ेगा? इस सवाल पर डॉ. अमृता साहा कहती हैं कि, ये शिशु की सेहत के स्तर पर निर्भर करता है. सामान्यतः आपका शरीर पहले यह निर्धारित करता है कि शिशु को भरपूर मात्रा में उसके हिस्से का आयरन मिले उसके बाद आपको मिले. अगर आयरन का स्तर बहुत ही कम या गंभीर स्तर तक ना पहुंच जाए तो बच्चे के ऊपर खास असर नहीं पड़ेगा. लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि शिशु के तंत्रिका तंत्र के विकास और दिमाग के विकास होने के लिए आयरन की सख्त आवश्यकता होती है इसलिए किसी भी स्थिति में आयरन की कमी ना होने पाए.

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एनीमिया का क्या है इलाज?

डॉ. अमृता साहा के अनुसार, इलाज के तौर पर गर्भवती महिलाओं को आयरन अनुपूरक लेने की सलाह दी जाती है. इसमें 0.5 ग्राम फोलिक एसिड और सौ ग्राम एलिमेंटल आयरन होता है. यह आदर्श मात्रा बताई जाती है. साधारण तौर पर भरपूर भोजन के साथ विटामिन सी (जैसे नींबू पानी का सेवन) लेना भी आयरन का स्तर बेहतर करने में मदद करता है. इस बारे में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

Tags: Female delivery, Female Health, Health, Pregnant Women

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