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कुर्सी पर गहरी-मीठी नींद आ जाती है, बिस्तर पर नही, इन तरीकों से इसे ठीक करें

कुर्सी पर गहरी-मीठी नींद आ जाती है, बिस्तर पर नही, इन तरीकों से इसे ठीक करें

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Unable to sleep on bed, reason and solution: दिन भर की थकावट के बाद जब आप घर लौटते हैं, टीवी चालू करते हैं और कुर्सी पर बैठते हैं तो तुरंत मीठी-मीठी नींद आ जाती है. लेकिन जब कोई आपको कहता है, जाकर आराम से बिस्तर पर सो जाओ और आप उठकर अपने आरामदायक और शांत बेड पर आकर लेटते हैं, तो आप पाते हैं कि आपकी नींद फुर्र हो चुकी है. आप सीलिंग फैन देखते हुए सोने की कोशिश करते हैं लेकि नहीं सो पाते. आप आंख बंद करके पड़े रहते हैं लेकिन नहीं सो पाते. यदि नींद नहीं आ रही थी तो आखिर उस वक्त ऐसा क्या था कि आप सोफे पर आराम से बेहद सुकूनदायक नींद में समा गए थे? इसका जवाब सीएनएन में छपी एक रिपोर्ट में मिलता है.

जानकार इसका कारण बता रहे हैं स्लीप प्रेशर (Sleep Pressure), जिसका सामना उम्र बढ़ने के साथ साथ ज्यादा किया जाता है. जैसे-जैसे हमारे जगे रहने का समय बढ़ता है, हमारे शरीर में नींद के लिए दबाव (होमियोस्टैटिक स्लीप ड्राइव) बनता चला जाता है. हम जितनी देर तक जागते रहते हैं, यह दबाव उतना ही मजबूत होता जाता है और नींद के दौरान यह कम हो जाता है. एक गहरी अच्छी पूरी रात की नींद के बाद यह सबसे कम लेवल पर पहुंच जाता है. यह एक प्रकार की बॉयलॉजिकल ड्राइव है जो नींद लाती है. बता दें कि आपकी बॉडी क्लॉक (body clock) या सर्केडियन राइम (circadian rhythm) इससे अलग है और वह भी नींद को प्रभावित करती है. ये ही शरीर को बताती है कि रात के समय सोना है और दिन के समय जागना है.

आपका पूरा का पूरा वातावरण इस दिशा में दुश्मन या दोस्त साबित होता है कि आपको नींद कैसी आएगी. हो सकता है आपने बस खाना खाया हो, या फिर अपने घर के कमरे में सोफे पर बैठे हों, हल्की लाइट जल रही हो, शायद टीवी या रेडियो भी धीमी आवाज में बज रहा हो और आपको नींद आ जाए. दरअसल आपकी सर्केडियन क्लॉक आपके दिमाग को यह संदेश पहुंचाती है कि सोने का समय हो गया है, सब शांत है और सूकूनदायक है.

सोफे पर झपकी आ जाती है तो जान लें कि इसके बाद असल में होता क्या है. दरअसल बिस्तर पर जाने से पहले आपने यदि सोफे पर झपकी ले ली है, तो आपकी नींद का दबाव आपकी झपकी से पहले की तुलना में बहुत कम होने हो जाता है. 16 घंटे से अधिक जागने के बजाय, एक प्रकार से आप अभी-अभी तो उठे हैं. आपकी बॉडी इसके लिए तैयार नहीं थी ऐसा हो सकता है. और यही वजह है कि इसी लिए नींद का दबाव कम होता है. यदि आप बस पांच मिनट के लिए सोफे पर सो गए तो आपको बिस्तर पर सोने में बहुत अधिक परेशानी नहीं होगी लेकिन इतनी कम झपकी से आपकी नींद का दबाव बहुत कम होने की संभावना नहीं है. हालांकि अगर आप एक घंटे तक सोए रहे, तो यह एक अलग कहानी हो सकती है.

इसमें आपकी नींद का सर्कल भी आपके खिलाफ ही काम कर सकता है! आमतौर पर ज्यादातर स्लीप साइकल लगभग 90 मिनट लंबे होते हैं. वे हल्की नींद से शुरूआत करते हैं और गहरी नींद की ओर बढ़ते हैं और फिर हल्की नींद के साथ समाप्त होते हैं. यदि आप गहरी नींद के दौरान जागते हैं तो संभवतः आप सुस्ती महसूस करेंगे और बिस्तर पर जाने पर वापस सो जाना आसान हो सकता है लेकिन अगर आप हल्की नींद के दौरान जागते हैं, तो बिस्तर पर दोबारा सो जाना कठिन हो सकता है.

ऐसे तरीके जो बेडरूम में भी सुला पाएंगे आपको…

बसे अच्छा तरीका तोस यह होगा कि सोफे पर सोएं ही नहीं. सीधा बिस्तर पर ही, सोने के समय ही नींद लें. इससे यह सुनिश्चित होगा कि दिन के दौरान आपके द्वारा बनाया गया स्लीप प्रेशर आपके बिस्तर में गहरी नींद की ओर निर्देशित होगा.

कई बार एंग्यायटी के कारण भी नहीं सो पाते हैं. किसी प्रकार का तनाव होने पर भी नींद प्रभावित होती है. जानकार कहते हैं कि अपने कमरे में भी आप सोफे पर या कुर्सी पर आने वाली मीठी नींद जैसा अनुभव ले पाएं इसके लिए जरूरी है कमरे में गहरा अंधेरा हो, शांत हो और आरामदायक माहौल हो. सर्दियां हो तो कमरा थोड़ा गर्म कर लें, हीटर या ब्लोअर ऑन करके. गर्मियों का मौसम हो तो एसी या कूलर चलाकर कमरे में सुकून का माहौल तैयार कर लें.

अगर सोफे पर बैठे हुए आप तब अच्छे से और जल्दी सो जाते हैं जब टीवी चल रहा हो तो अपने बेडरूम में रेडियो या ऐसा कुछ संगीत ऑन करके आप वातावरण को मुफीद बना सकते हैं. समय से बिस्तर पर जाएं और हर रोज एक ही समय पर बिस्तर पर सोने के लिए जाना बेहतरीन रहेगा. जानकार कहते हैं कि सोने से ठीक पहले फोन की स्क्रीन में घुसे रहना नींद को दूर भगा सकता है इसलिए ऐसा करने से बचें.

Tags: Better sleep, Health tips, Research

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