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Symptoms of Happy Hypoxia: कोविड ने शरीर में कई रहस्यमयी जटिलताओं को जन्म दिया है. इन सारी चीजों पर दुनिया भर में रिसर्च हो रही हैं. वैज्ञानिक अब भी यह समझने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हुए हैं कि कोविड के कारण किन-किन शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि उन्हें हैप्पी हाइपॉक्सिया है. यह हैप्पी हाइपॉक्सिया कोविड के बाद की कई जटिलताओं में से एक है. इस बीमारी में शरीर में ऑक्सीजन का सैचुरेशन कम हो जाता है.
यानी लंग्स से हीमोग्लोबिन को जिस मात्रा में ऑक्सीजन को ग्रहण करना चाहिए, वह नहीं कर पाता. चूंकि इस बीमारी में लक्षणों का पता या तो नहीं चलता या बिल्कुल नहीं चलता. इसलिए इसे हैप्पी हाइपॉक्सिया या साइलेंट हाइपॉक्सिया (silent hypoxemia)कहते हैं. लेकिन अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. आखिर यह कितना खतरनाक है. इस मामले पर नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट लंग्स डिजीज रिसर्च सेंटर में लीड कंसल्टेंट और ट्रांसप्लांट एंड इंटरवेंशन पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. करण मेहरा से New18 Hindi ने बात की.
क्या है हैप्पी हाइपॉक्सिया के लक्षण
डॉ. करण मेहरा ने बताया कि आमतौर पर हाइपॉक्सिया में लक्षण नहीं दिखते. अगर दिखते तो बहुत मामूली दिखते. यही कारण है कि इसे हैप्पी हाइपॉक्सिया कहा जाता है. इसमें शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है. जब ऑक्सीजन का लेवल 92 से कम हो जाए तो इसे हाइपॉक्सिया माना जाता है. इस स्थिति में चलते समय मामूली सांस लेने में तकलीफ होगी. छाती में भारीपन होने लगता है. अगर हैप्पी हाइपॉक्सिया बहुत गंभीर स्थिति में पहुंच गई है तो इसमें सांस फूलने लगती है और स्किन में रेशेज आने लगते हैं. इसके अलावा पेट संबंधी परेशानियां भी हो सकती है. वहीं कुछ मामले में लो ग्रेड बुखार और खांसी भी हो सकती है. मेंटल फॉगीनेस, सोचने की शक्ति में कमी आ सकती है. अगर इलाज नहीं हो तो इससे रिस्पाइरेटरी फेल्योर यानी लंग्स काम करना बंद कर सकता है.
किन लोगों को हैं ज्यादा खतरा
कोविड के बाद बुजुर्ग व्यक्ति और प्रेग्नेंट महिलाओं को खतरा ज्यादा रहता है. इसके साथ ही जो लोग कैंसर से पीड़ित हैं या जिन्हें हार्ट या डायबिटीज संबंधी दिक्कतें हैं या कई बीमारियों के शिकार हैं, उन्हें हैप्पी हाइपॉक्सिया का ज्यादा खतरा है. इन लोगों को समय-समय पर अगर कोई परेशानी न भी हो, तो भी ऑक्सीजन लेवल चेक करना चाहिए.
कब जाएं डॉक्टर के पास
चूंकि हैप्पी हाइपॉक्सिया में लक्षण का पता नहीं चलता है. इसलिए कोविड के बाद हमेशा सतर्क रहना चाहिए. अगर चलते समय सांस लेने में मामूली परेशानी हो तो सबसे पहले ऑक्सीजन लेवल चेक करना चाहिए. यदि ऑक्सीजन लेवल कम है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. इसका पूरी तरह इलाज हो सकता है.
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Tags: Health, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : February 8, 2024, 14:16 IST
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