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विशाल कुमार/छपरा. आजकल के युवा मोबाइल और कंप्यूटर पर दिन-रात लगे रहते हैं. लेकिन इससे कितना खतरनाक बीमारी हो सकती है, शायद उन्हें मालूम नहीं है. मोबाइल और कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक लगे रहने से घातक बीमारी भी हो सकती है. ऐसा ही एक मामला छपरा जिले में सामने आया है.जिले के कुतुबपुर दियारा का प्रिंस कुमार अपने परिजनों से छुपकर मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेला करता था. इसकी लत ने अब उसे कहीं का नहीं छोड़ा है. इन दिनों उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. प्रिंस की परेशानी से उसके परिजन खासे चिंतित हैं.
परिजनों की मानें तो लगातार गेम हारने से उसकी दिमागी हालत खराब हो गई है. जिस तरह से फ्री फायर गेम में एक्टिंग की जाती है, ठीक उसी तरह से प्रिंस भी करने लगा है.
गायब हो गई है नींद
अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि वे अपने बेटे प्रिंस से मोबाइल पर गेम खेलने से कई बार मना किए.कई बार तो मोबाइल भी छीन चुके हैं. इसके बाद भी वह नहीं मानता था. दूसरे बच्चों के साथ जाकर छुप कर मोबाइल पर गेम खेलता था. उन्होंने बताया कि प्रिंस की दिमागी हालत खराब है. इस वजह से उसे नींद भी नहीं आती है. वह हमेशा बेचैनी में रह रहा है. कभी खुद पर हथियार से हमला करना चाहता है, तो कभी दूसरे पर. इस कारण से भी वे लोग काफी डरे और चिंतित रहते हैं.
हो सकती है मस्तिष्क, कमर और गर्दन से संबंधित बीमारी
वेदांता हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. रवि शंकर ने बताया कि बच्चों का दिमाग उतना विकसित नहीं रहता है. ऐसे में मोबाइल में गेम खेलने से बच्चों के दिमाग पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. इस वजह से दिमागी हालत खराब हो जाती है. उन्होंने कहा कि किसी भी इंसान को मोबाइल और कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक समय नहीं देना चाहिए. मोबाइल और कंप्यूटर से आंख सूखने लगता है.
इसके अलावा मस्तिष्क, कमर और गर्दन से संबंधित बीमारी भी हो सकती है.जो कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है. डॉ. रवि शंकर ने बताया किबच्चे को फील्ड में खेलने और फ्री माइंड रहने देना चाहिए. बच्चे के हाथ में कम से कम मोबाइल देना चाहिए.
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Tags: Bihar News, Chhapra News, Health News, Local18
FIRST PUBLISHED : April 22, 2024, 12:47 IST
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