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नई दिल्ली. देश की 50 प्रतिशत से ज्यादा की आबादी आज पेट में गैस (Stomach Gas) बनने की समस्या से जूझ रही है. अगर आपके पेट में लंबे समय तक गैस की समस्या बनी रहती है तो आंतों (Intestines) में अल्सर और कैंसर (Ulcers and Cancer) जैसी खतरनाक और गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं. ऐसे में आपको अपने जीवनशैली में बदलाव करने के साथ-साथ एक अच्छे डॉक्टर के पास समय पर जाना जरूर चाहिए. पेट में दर्द, सीने में जलन, खट्टी डकार, सिर दर्द जैसी परेशानी होने पर लोग अमूमन घरेलू उपचार ही शुरू कर देते हैं. जब पेट में गैस की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो अंग्रेजी दवा की तरफ रुख कर लेते हैं. लेकिन, ऐलोपैथी दवा खाने के बाद भी जब यह समस्या बार-बार आती रहती है तो लोग होम्योपैथी या आयुर्वेद की तरफ रुख करते हैं. लेकिन, जब हर तरफ से निराशा हाथ लगती है तो यूनानी पद्धति की तरफ रुख करते हैं. यूनानी डॉक्टरों की मानें तो 3000 साल पुराने यह पद्धति आज भी लोगों के लिए सबसे बेहतर विकल्प है. ऐसे में आज जानेंगे कि यूनानी पद्धति से आपके पेट में अगर गैस की समस्या है तो उससे कैसे निजात मिल सकती है.
यूनानी चिकित्सा में रोगी के रोगों का निदान रोगी की नब्ज की जांच कर शुरू किया जाता है. कुछ मामलों में अब एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई भी होने लगी है. यूनानी डॉक्टरों की मानें तो गैस भगाने के लिए पुरानी यूनानी पद्धति आज भी सबसे ज्यादा कागरगर है. यूनानी पद्धति के जरिए हकीम आपके हाथ का नब्ज देख कर आपके पेट की गर्मी और ठंडी को भांपते हैं. यूनानी तरीके में न पेट में ज्यादा गर्मी अच्छी बात है और न ही पेट ज्यादा ठंड भी रहना चाहिए.
यूनानी चिकित्सा में रोगी के रोगों का निदान रोगी की नब्ज की जांच कर शुरू किया जाता है.
यूनानी पद्धति से भगाएं अब पेट का गैस
नई दिल्ली के करोलबाग स्थित आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बिया कॉलेज के कम्यूनिटी मेडिसीन के डॉ. मोहम्मद फारूक न्यूज 18 हिंद के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘हमलोगों का डायगनोस करने का तरीका अलग होता है. हमलोग बीमारी के कारणों को जड़ से खत्म करते हैं. अगर किसी मरीज को गैस की समस्या है तो उसके कारणों को खोजते हैं फिर दवा चालू करते हैं. जैसे हमलोग गैस के लिए जवारिश (Jawarish) ग्रुप की कई दवा देते हैं. हर दवा गैस में ही काम आती है, लेकिन उसका काम अलग-अलग होता है. इसलिए किस प्रकार का गैस है और उसके कारण क्या हैं इसका पहले पता लगाते हैं. यह दवा पेट की बीमारियों के लिए ही हैं, लेकिन गैस की अलग-अलग बीमारियों के लिए यह दवा है.’
क्या कहते हैं यूनानी डॉक्टर
डॉ फारूक आगे कहते हैं, ‘इसी तरह माजून हो या शरबत ये भी गैस की बीमारी में ही हमलोग दवा देते हैं. यूनानी दवा चटनी और टैबलेट की शक्ल में होती है. मेरे ओपीडी में आने वाला 90 प्रतिशत मरीज पेट की समस्या लेकर आता है. बुजुर्गों को कुछ ज्यादा ही दिक्कतें होती हैं. इन सारी बीमारियों का जड़ पेट ही है. खाना ठीक से पचे और मरीज को गैस न हो यह हमारा पहला वसूल होता है. मैं दावा तो नहीं कर सकता, लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि अगर मरीज सही से बीमारी के बारे में बता दे तो यूनानी पद्धति से गैस और कब्ज की समस्या हमेशा के लिए खत्म की जा सकती है.’
यूनानी डॉक्टर भी पेट में गैस की समस्या के लिए एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई का सहारा लेते हैं.
आयुर्वेद और होम्योपैथी कितना कारगर
नई दिल्ली स्थित इसी आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बिया कॉलेज के आयुर्वेद विभाग में कार्यरत डॉ राजेश कहते हैं, ‘शरीर में गैस बनने के कई कारण होते हैं. खासकर असंयमित जीवनशैली, अनियमित आहार खाना, अधिक खट्टा और मीठा खाना, तीखे और मिर्च मसालेदार खाना, देर रात तक जागना, पानी कम पीना जैसे कारणों से यह बीमारी होती है. यह हमारे जीवन शैली का हिस्सा हो गया है. मरीज को आयुर्वेद से भी राहत मिलती है, कुछ मरीज क होम्योपैथी दवाओं से भी राहत मिलती है और कुछ मरीज को आयुर्वेद अपनाने से भी फायदा होता है. आप यूनानी पद्धति से भी अपना इलाज करा सकते हैं.’
आपको बता दें कि दिल्ली में एक तिब्बिया कॉलेज भी है, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 13 फरवरी 1921 को किया था. पिछले दिनों ही बापू की एक हेल्थ रिपोर्ट समाने आई है. इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि बापू खुद को नेचुरल तरीकों से अपने-आपको स्वस्थ रखने पर ज्यादा विश्वास करते थे. नेचुरोपैथी में उनका यकीन था. हालांकि, गांधी जी को गैस की समस्या थी या नहीं इसके बारे में कुछ जानकारी नहीं है, लेकिन तिब्बिया कॉलेज का उद्घाटन करना उनकी यूनानी पद्धति में रुचि को दर्शाता है. इसी गंभीरता को समझते हुए महात्मा गांघी ने देश में एक तिब्बिया कॉलेज की नींव रखी थी, जो आज भी चल रहा है. यहां यूनानी और आयुर्वेद दोनों तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है.
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Tags: Doctors, Gas leak, Health tips, Life style, Medical
FIRST PUBLISHED : August 15, 2023, 20:49 IST
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