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बच्चा होने के बाद महिलाएं इस परेशानी का हो सकती हैं शिकार, वक्त रहते कर लें उपाय, वरना…

बच्चा होने के बाद महिलाएं इस परेशानी का हो सकती हैं शिकार, वक्त रहते कर लें उपाय, वरना...

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हाइलाइट्स

पोस्टपार्टम डिप्रेशन की वजह से महिलाएं निराश महसूस कर सकती हैं.
इस कंडीशन से बचने के लिए महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए.

Postpartum Depression: महिलाओं के लिए मां बनना एक सुखद अहसास होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान उन्हें कई उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है और तब जाकर उन्हें संतान सुख मिल पाता है. हालांकि बच्चा होने के बाद भी बड़ी संख्या में महिलाएं परेशान हो जाती हैं और कई तरह की समस्याओं का शिकार हो जाती हैं. इसमें से एक पोस्टपार्टम डिप्रेशन है, जिसे PPD भी कहा जाता है. करीब 15 प्रतिशत महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद इस समस्या का शिकार हो जाती हैं और उनकी फिजिकल व मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है. पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने पर महिलाएं इमोशनल हो जाती हैं और बार-बार रोने लगती हैं. उन्हें हर वक्त थकान महसूस होती है और बिना किसी बात के टेंशन होती रहती है. इसकी वजह से बच्चे की देखभाल सही तरीके से नहीं कर पाती हैं.

दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल के ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. वंदना सोढ़ी कहती हैं कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक कॉमन मूड डिसऑर्डर है, जो बच्चे को जन्म देने के बाद करीब 15 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है. इसकी वजह से महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को हॉर्मोनल, फिजिकल, इमोशनल और सोशल चेंजेस से गुजरना पड़ता है, जिसकी वजह से यह परेशानी पैदा हो सकती है. यह समस्या महिलाओं के अलावा पैदा होने वाले बच्चे को प्रभावित कर सकती है, ऐसे में इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना चाहिए.

इन लक्षणों से कर सकते हैं PPD की पहचान

डॉ. वंदना सोढ़ी के अनुसार पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कई लक्षण नजर आते हैं, जिनकी पहचान करना बेहद जरूरी है. अगर कोई महिला बच्चे को जन्म देने के बाद दुखी, निराश महसूस कर रही है या खुद को दोषी समझ रही है, तो यह इस समस्या का लक्षण है. अत्यधिक चिंता करना या घबराहट महसूस होना, अपनी पसंदीदा चीजों में इंट्रेस्ट खत्म होना, खाना न खाना, हमेशा थका हुआ महसूस करना, नींद आने में परेशानी होना या बिना किसी वजह से रोना, सुसाइड करने का खयाल आना या बच्चे को लेकर अत्यधिक चिंतित महसूस करना पोस्टपार्टम डिप्रेशन के प्रमुख लक्षण हैं.

क्या है इस परेशान का इलाज और बचाव

एक्सपर्ट की मानें तो सभी महिलाओं की कंडीशन के अनुसार पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज किया जाता है. कई महिलाओं को एंटी डिप्रेशन दवाएं दी जाती हैं, जबकि कुछ लोगों को साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट के जरिए रिकवर होने में मदद की जाती है. पोस्टपार्टम डिप्रेशन के गंभीर मामले रेयर ही होते हैं और डॉक्टर की मदद लेकर इससे रिकवर होना आसान है. इससे बचने के लिए हेल्दी डाइट, प्रॉपर एक्सरसाइज, बाहर घूमना और लोगों से बातचीत करना, सेल्फ केयर, घरेलू कामकाज और अपनी पंसद की एक्टिविटी करनी चाहिए. अगर आप इसे लेकर पहले से ही सावधान रहेंगे, तो बचाव किया जा सकता है.

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Tags: Health, Lifestyle, Pregnant Women, Trending news

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