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चाय-कॉफी से भी कम खर्च में कराएं कैंसर का इलाज, मंथली इनकम अलग से

चाय-कॉफी से भी कम खर्च में कराएं कैंसर का इलाज, मंथली इनकम अलग से

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कैंसर का नाम लेते ही शरीर में सिहरनी-सी दौड़ने लगती है. मौत का दूसरा नाम है कैंसर. लेकिन मेडिकल साइंस ने अब इस पर काफी हद तक काबू पा लिया है. समय पर अगर इसका इलाज शुरू किया जाए तो इसे खत्म भी किया जा सकता है. कैंसर पर भले ही काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया हो, लेकिन इसके इलाज खर्च अभी भी आउट ऑफ कंट्रोल है. इसका इलाज का खर्च उठाना हर किसी के बस में नहीं है.

ऐसी तमाम घटनाएं हैं जिनमें हमने सुना होगा कि कैंसर के इलाज के लिए किसी ने अपने पूरे जीवन की कमाई खर्च कर दी तो किसी ने अपने घर, मकान और खेत बेच दिए. कैंसर को लेकर जागरुकता तो बढ़ रही है, लेकिन उसी संख्या में इसके मामले भी बढ़ रहे हैं. अक्सर देखने में आता है कि स्वस्थ्य जीवन जी रहे लोग भी अचानक कैंसर की चपेट में आ जाते हैं. बच्चों में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में कैंसर को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानी बरत कर उसकी संभावनाओं को कम जरूर किया जा सकता है. साथ ही इसके लड़ने के लिए खुद को आर्थिक स्तर पर भी तैयार किया जा सकता है.

नियमित स्वास्थ्य की जांच करवाते रहें. क्योंकि जितनी जल्दी जानकारी उतना ही पुख्ता इलाज होता है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर लें. कई कंपनियों की कैंसर पर आधारित ही इंश्योरेंस पॉलिसी भी हैं. कैंसर का इलाज अलग है, इसकी जरूरतें भी अलग होती हैं. हेल्थ इंश्योरेंस से कैंसर के खर्चे को कवर नहीं किया जा सकता. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम-एलआईसी ने कैंसर कवर प्लान को कुछ हटकर बनाया है.

पैसा है जरूरी
कैंसर के इलाज के लिए हाथ में पैसा होना बहुत जरूरी है. केवल इलाज के लिए ही नहीं बल्कि इलाज से जुड़े हर छोटे-बड़े खर्चे के लिए पैसों की जरूरत होती है. क्योंकि कैंसर का इलाज हर शहर में नहीं होता है. इसके इलाज के लिए मरीज को अपने घर से दूर किसी बड़े शहर में जाना पड़ता है. और कैंसर का इलाज लंबा साल या दो साल तक चलता है. इसलिए कैंसर के इलाज के लिए अधिक पैसों की जरूरत पड़ती है.

एलआईसी की कैंसर कवर पॉलिसी इन खर्चों के पूरा करती है. एलआईसी की कैंसर कवर पॉलिसी में इलाज का 100 प्रतिशत कवर मिल जाता है. इसके अलावा कवर का एक प्रतिशत हर महीने मिलता है. अगर आपका कैंसर कवर 30 लाख रुपये का है तो आपको हर महीने 30 हजार रुपये मिलेंगे. और वह भी अगले 10 साल के लिए. क्योंकि कैंसर के लिए इलाज के लिए बीमाधारक की नौकरी या व्यापार दोनों ही प्रभावित होते हैं. ऐसे में हर महीने मिलने वाली एक प्रतिशत की राशि इसी नुकसान को कुछ हद तक कवर करने में मददगार साबित होती है. अगर इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को यह मंथली इनकम मिलती रहती है.

अगर कैंसर छोटा है तो आपको अपने कवर का 25 प्रतिशत मिल जाता है. अगर आपका कवर 30 लाख रुपये का है तो मरीज को इलाज के लिए साढ़े 7 लाख रुपये मिल जाते हैं. बाकि राशि कैंसर के खतरनाक स्टेज पर पहुंचने पर मिलते हैं.

साल के 3,000 रुपये में ले सकते हैं कैंसर पॉलिसी. अगर देखा जाए तो यह आपके चाय-कॉफी से भी कम खर्चे में कैंसर कवर मिल जाता है. साल के 3,000 रुपये में आपको 25 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिल जाता है. यानी महज 250 रुपये महीने के खर्च पर आप कैंसर कवर पॉलिसी ले सकते हैं. यह पॉलिसी 30 साल की उम्र वाले व्यक्ति के लिए है. एलआईसी की कैंसर कवर पॉलिसी में डायग्नोसिस से लेकर इलाज तक और मंथिली इनकम तक कवर होता है. इसके लिए आपको कैंसर की डायग्नोसिस रिपोर्ट को एलआईसी के ऑफिस में जमा करना होता है.

Tags: Health Insurance, Insurance Policy, Life Insurance Corporation of India (LIC)

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