DMCA.com Protection Status इस बीमारी को डॉक्टर भी पहचानने में कर देते हैं भूल, इन लोगों को है ज्यादा खतरा, जानिए क्या है यह – News Market

इस बीमारी को डॉक्टर भी पहचानने में कर देते हैं भूल, इन लोगों को है ज्यादा खतरा, जानिए क्या है यह

इस बीमारी को डॉक्टर भी पहचानने में कर देते हैं भूल, इन लोगों को है ज्यादा खतरा, जानिए क्या है यह

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हाइलाइट्स

गर्म प्रदेश वाले देशों में लेप्टोस्पाइरोसिस का खतरा ज्यादा है.
लेप्टोस्पाइरोसिस का पूरी तरह इलाज है.

Symptoms of Leptospirosis: लेप्टोस्पाइरोसिस बैक्टीरियल इंफेक्शन है. आमतौर पर जो लक्षण बैक्टीरिया वाले इंफेक्शन में होता है वही लक्षण लेप्टोस्पाइरोसिस में भी होता है. यही कारण है डॉक्टर भी इस बीमारी को पहचानने में भूल कर बैठते हैं. इससे जोखिम बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है. दरअसल, जब लेप्टोस्पाइरोसिस बीमारी का इलाज न किया जाए इससे किडनी डैमेज और मेनिनजाइटिस का खतरा बढ़ जाता है. यहां तक कि इससे लिवर फेल्योर और रिस्पाइरेटरी प्रोब्लम भी हो सकता है. बीमारी बढ़ने पर इससे मौत भी हो सकती है. इसलिए लेप्टोस्पाइरोसिस को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

कैसे फैलती है यह बीमारी

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक लेप्टोस्पाइरोसिस कुछ मवेशियों के पेशाब से इंसानों में पहुंचता है. जब लेप्टोस्पाइरोसिस बीमारी से संक्रमित कोई मवेशी कहीं पेशाब करता है तब लेप्टोस्पाइरोसिस बैक्टीरिया इसमें से होकर पानी, मिट्टी या अन्य माध्यमों से इंसान में पहुंचता है. यह मवेशी, सुअर, घोड़े, कुत्ते, चूहे और जंगली जानवरों में हो सकता है.

लेप्टोस्पाइरोसिस के लक्षण

लेप्टोस्पाइरोसिस में कमोबेश सभी लक्षण बैक्टीरिया वाले ही होते हैं. जैसे तेज बुखार, सिर दर्द, ठंड, शरीर में दर्द, उल्टी, जॉन्डिस, आंखों में लाली, पेट में दर्द, डायरिया, स्किन पर रैशेज आदि. सामान्य बुखार में अमूमन यही लक्षण दिखते हैं. इसलिए डॉक्टर सामान्य बैक्टीरियल की दवाई देकर छोड़ देते हैं लेकिन अगर बीमारी ज्यादा गंभीर हो गई तो इन दवाइयों से ठीक नहीं होता. इसलिए इसका टेस्ट कराना जरूरी होता है.

किन लोगों को है ज्यादा खतरा

गर्म प्रदेश वाले देशों में लेप्टोस्पाइरोसिस का खतरा ज्यादा है. आमतौर पर जहां का तापमान 18 डिग्री के आसपास बना रहता है उसे ट्रॉपिकल टेंपरेचर वाला प्रदेश कहा जाता है. यह बीमारी इन जगहों पर ज्यादा फैलता है. साथ जो लोग किसान हैं, खान में काम करने वाले हैं, सीवर वर्कर हैं, कसाई का काम करते हैं, मवेशियों का पालन या केयरटेकर हैं या डॉक्टर हैं, मछली का कारोबार करते हैं, डेयर फर्म में काम करते हैं और मिलिट्री में हैं, उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है.

इलाज क्या है

लेप्टोस्पाइरोसिस का पूरी तरह इलाज है. इसके लिए एंटीबायोटिक्स दवाइयां दी जाती है. पेंसिलीन से भी इसका इलाज हो जाता है लेकिन डॉक्टरों की सलाह से लें तो ज्यादा बेहतर रहेगा.

इस बीमारी से कैसे बचें

लेप्टोस्पाइरोसिस से बचने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें. गंदा पानी न पीएं न गंदे पानी में नहाएं. खासकर उन जगहों के पानी के संपर्क में न आएं जहां मवेशी रहते हैं और पानी का इस्तेमाल करते हैं.

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