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कमल पिमोली/ श्रीनगर गढ़वाल.उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की कामधेनु ‘बद्री गाय’ का दूध किसी अमृत से कम नहीं है. इसमें पाये जाने वाले तत्व कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में भी कारगर हैं. यही कारण है कि इसके दूध की कीमत ज्यादा होती है. वहीं बद्री गाय का घी (Badri Cow Ghee) पांच हजार रुपये प्रति किलो तक बिकता है. गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में बद्री गाय पशुपालन की दृष्टि से एक अच्छी गाय मानी जाती है. अगर किसान बद्री गाय से दूध उत्पादन का कार्य करें, तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. डॉ. चौहान जानकारी देते हुए बताते हैं कि जब वह एनडीआरआई (NDRI) करनाल में डायरेक्टर के पद पर तैनात थे, तो उस दौरान रिसर्च में उन्होंने पाया कि बद्री गाय का दूध वास्तव में अमृत से कम नहीं है.
उन्होंने कहा कि इसके दूध में ऐसा कंपाउंड पाया जाता है, जो अन्य गायों के दूध में कम पाया जाता है. बद्री गाय के दूध में सीएलए कंपाउंड सबसे अधिक पाया जाता है, जो कैंसर की बीमारी से लेकर कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर की बीमारी के खतरे को कम करता है. अगर कोई बद्री गाय के दूध का लगातार सेवन करता है, तो उसे इसके पोषक तत्वों का फायदा मिलता है. वह बताते हैं कि उनका प्रयास है कि लोगों को पशुपालन व्यवसाय की ओर मोड़ पाएं और उन्हें बद्री गाय से दूध उत्पादन कर बेचने के लिए प्रेरित करें.
5000 रुपये प्रति किलो तक बिकता है घी
डॉ एमएस चौहान कहते हैं कि बद्री गाय का घी दिल्ली में 4500 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं अन्य जगह घी 4 हजार से लेकर 5 हजार रुपये प्रति किलो बिकता है. उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में मिलने वाले बद्री गायों के दूध में पोषक तत्व और अधिक मात्रा में मिलता है. किसानों के लिए पशुपालन आर्थिकी का एक बेहतर विकल्प हो सकता है. वे बद्री गाय पालन से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
बद्री गाय की क्लोनिंग पर कार्य
जीबी पंत विवि के कुलपति डॉ एमएस चौहान जानकारी देते हुए बताते हैं कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय बद्री गाय पर कार्य कर रहा है. यहां विश्वविद्यालय द्वारा बद्री गाय की क्लोनिंग पर भी कार्य शुरू कर लिया गया है, जिससे कि अच्छी नस्ल की गाय पशुपालन करने वालों तक पहुंच सके.
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Tags: Health benefit, Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : March 18, 2024, 13:56 IST
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