DMCA.com Protection Status Be Alert: डेंगू से बचने के लिए करते हैं बकरी के कच्चे दूध का सेवन, तो हो सकती है यह दूसरी खतरनाक बीमारी – News Market

Be Alert: डेंगू से बचने के लिए करते हैं बकरी के कच्चे दूध का सेवन, तो हो सकती है यह दूसरी खतरनाक बीमारी

Be Alert: डेंगू से बचने के लिए करते हैं बकरी के कच्चे दूध का सेवन, तो हो सकती है यह दूसरी खतरनाक बीमारी

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सत्यम कुमार/भागलपुर. जिले में डेंगू अपना पांव तेजी से पसार रहा है. रोजाना जिले में 4 दर्जन से अधिक मरीज मिल रहे हैं. पूरे शहर में लोग डरे सहमे हैं. लोग डॉक्टरों के उपचार के साथ-साथ घरेलू उपचार भी कर रहे हैं. इसमें खास कर लोग महंगे फल कीवी, बकरी का दूध और पपीता के पत्ते का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन डॉक्टरों की माने तो ये आपके लिए और भी खतरनाक साबित हो सकता है.

मायागंज अस्पताल के डॉक्टर हेमशंकर शर्मा ने बताया कि डेंगू के दौरान घरेलू उपचार काफी नुकसानदेह हो सकता है. मायागंज अस्पताल के डॉक्टर हेमशंकर शर्मा ने बताया कि लोगों को अगर बुखार हो रहा है तो अपने आप डेंगू मानकर घरेलू इलाज कर रहे हैं. इसमें सबसे अधिक बकरी के कच्चे दूध का उपयोग कर रहे हैं. जो सबसे अधिक खतरनाक है.

ग्लैंड टीवी होने का खतरा
इसके सेवन से डेंगू के मरीज ठीक हो न हो, लेकिन अन्य बीमारी जरूर हो जाएगी. इसमें सबसे अधिक ग्लैंड टीवी होने का खतरा रहता है. वहीं उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो लगातार महंगे फल जैसे कीवी का खूब उपयोग कर रहे हैं. लेकिन इसकी जरूरत नहीं है. लोग डेंगू में सबसे अधिक रसदार फल का उपयोग करें. पपीता का अधिक उपयोग करें.

पपीता के पत्ते का रस भी हानिकारक
वहीं डॉक्टर अंजुम परवेज की माने तो लोग अपने प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए पपीता के पत्ते का रस पीते हैं, जिससे उसकी तबियत और बिगड़ती है. खास कर इसके सेवन से उल्टी की संभावना अधिक होती है. इसलिए बिना डॉक्टर के सलाह के किसी भी चीज का प्रयोग न करें. उन्होंने बताया कि लोग महंगे फल की तरफ रुख करते हैं, लेकिन इसके लिए सबसे अधिक पानी फायदेमंद है. शरीर में पानी की बिल्कुल कमी न होने दें. ओआरएस, सदा पानी, उबला हुआ दूध, जूस और फ्रूटी का प्रयोग कर सकते हैं.

100 बेड का फेब्रिकेटेड अस्पताल
शहर के कई इलाके डेंगू से प्रभावित है. खासकर तिलकामांझी इलाका हॉटस्पॉट बन गया है. जिले भर से 100 से अधिक मरीज जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब जेएलएनएमसीएच में 100 बेड का फेब्रिकेटेड अस्पताल की शुरुआत की गई है.

बुखार होने पर डॉक्टर से कराएं जांच
वहीं डेंगू नोडल पदाधिकारी रवि आनंद ने बताया कि अस्पताल में हमारे पास सभी सुविधाएं उपलब्ध है. लेकिन आपको जैसे ही लगे मुझे बुखार आ रहा है आप तुरंत अस्पताल में अपनी जांच करा लें. अगर डेंगू है तो घरेलू उपचार न कर डॉक्टर की सलाह लें. मायागंज अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध है.

Tags: Bhagalpur news, Jharkhand news, Local18

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