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हाइलाइट्स
Snake Biting की घटनाएं बरसात के मौसम में बढ़ जाती हैं.
भारत में सांपों की 276 प्रजातियां मौजूद हैं.
Snake Bite Deaths in India: भारत में सांपों को लेकर अलग ही प्रकार की दिलचस्पी देखी जाती है. अन्य जीवों से अलग यहां सांपों की पूजा भी की जाती है और सांप के काट लेने पर उसके जहर को उतारने के लिए कई प्रकार की मान्यताएं, टोटके और तंत्र-मंत्र का सहारा लिया जाता है. हालांकि यह सच है कि सांपों के काटने से भारत में बड़ी संख्या में लोगों की हर साल मौत होती है. यहां सांपों की 276 प्रजातियां मिलती हैं लेकिन इनमें से करीब 20-30 फीसदी सांप काफी जहरीले होते हैं. बरसात के मौसम में अक्सर गांवों और खेतों में ही नहीं बल्कि घरों में भी सांप निकल आते हैं, जिसकी वजह से न केवल स्नेक बाइटिंग (Snake Biting) की घटनाएं सामने आती हैं बल्कि जहरीले सांपों के काटने से मौत भी हो जाती है. हालांकि कृषि प्रधान देश में बड़ी संख्या में खेतों में सांपों के निकलने के चलते सांपों के काटने से होने वाली मौतों को कई राज्यों में आपदा से हुई मौत घोषित किया गया है. जिसके चलते सर्पदंश से हुई मौत पर पीड़ित के परिवार को मुआवजा दिया जाता है. वहीं केरल में तो बर्र या जहरीली मक्खी के काटने से हुई मौत पर भी मुआवजा की घोषण की जा चुकी है.
सांप काटने से हुई मौत के मुआवजे को लेकर डॉ. राजेश प्रजापति, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बल्दीराय सुल्तानपुर News18hindi से बातचीत में बताते हैं कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में 4 लाख रुपये का मुआवजा मृतक के परिवार को दिया जाता है. वहीं अगर सांप काटने से किसी किसान की मौत हुई है तो उसे 1 लाख रुपये किसान बीमा योजना के तहत इसी क्षतिपूर्ति राशि में जोड़कर दिया जाता है.
भारत में जहरीले सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. किंग कोबरा इन्हीं में से एक है. एक अध्ययन के मुताबिक सांप के काटने से भारत में सालाना 64 हजार लोगों की मौत होती है. पिछले 20 साल का रिकॉर्ड देखें तो भारत में 12 लाख से ज्यादा लोगों की मौत सिर्फ सांप के काटने और जहर फैलने से हुई है. वहीं इनमें से भी 97 फीसदी मौतें गांव-देहात के इलाकों में हुई है. सांपों के काटने से पुरुषों की मौत महिलाओं के मुकाबले ज्यादा हुई है. इसकी एक वजह पुरुष किसानों का खेतों में काम करना भी है.
डॉ. राजेश बताते हैं कि सांप के काटने से हुई मौत को चूंकि आपदा से हुई मौत माना गया है ऐसे में राज्य सरकार के नियमानुसार 48 घंटे में सभी कार्रवाई पूरी कर मुआवजे की राशि पीड़ित के सबसे नजदीकी संबंधी के खाते में भेज दी जाती है. ऐसा न करने पर कार्रवाई भी हो सकती है.
सांप के काटने से हुई मौत का मुआवजा लेने के लिए पीड़ित का पोस्टमॉर्टम सबसे जरूरी होता है. उसी के आधार पर पीड़ित परिवार को मदद का पैसा मिलता है. ऐसे में मौत के तुरंत बाद परिजनों को चाहिए कि वे पीड़ित का पोस्टमॉर्टम कराएं.
डॉ. राजेश बताते हैं कि मुआवजा राशि पाने के लिए परिजनों को सिर्फ दो काम करने होते हैं, उसके बाद पूरी कार्रवाई प्रशासन करता है. पहला काम ये है कि अगर किसी की मौत सर्पदंश से हुई है तो उसके परिजन तत्काल लेखपाल को इसकी सूचना दें. वहीं दूसरा काम ये है कि पीड़ित को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाएं और उसकी रिपोर्ट जिसमें सर्पदंश से मौत की पुष्टि हुई है, लेखपाल को दे दें. उसके बाद पूरा काम लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार और एडीएम के कार्यालय से होता है.
लेखपाल को जैसे ही सर्पदंश से मौत की जानकारी मिलती है वह पीड़ित के सबसे नजदीकी संबंधी का अकाउंट नंबर, आधार कार्ड आदि कागजात इकठ्ठे कर लेता है और कार्रवाई को आगे बढ़ा देता है. पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आते ही फाइल बनाकर तहसीलदार को भेज दी जाती है, जहां से एसडीएम से अनुमति मिलते हुए एडीएम फाइनेंस एंड रेवेन्यू के पास आती है और जिले के कोष से पैसा तत्काल भेजने के आदेश दिए जाते हैं.
डॉ. राजेश कहते हैं कि अगर लेखपाल लापरवाही करे या 48 घंटे में पैसे न आएं तो सीधे एसडीएम के यहां शिकायत की जा सकती है. इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी एसडीएम के यहां सर्पदंश से मौत पर मुआवजे के लिए आवेदन किया जा सकता है.
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Tags: Health, Lifestyle, Snake, Trending news
FIRST PUBLISHED : August 09, 2023, 16:51 IST
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