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फिर आई एक वायरल बीमारी, अलास्कापॉक्स से अमेरिका में 1 की मौत, क्या भारत में आएगी? जानें लक्षण

फिर आई एक वायरल बीमारी, अलास्कापॉक्स से अमेरिका में 1 की मौत, क्या भारत में आएगी? जानें लक्षण

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हाइलाइट्स

अलास्कापॉक्स के मामले अमेरिका के अलास्का प्रांत में सामने आए हैं.
इस बीमारी में स्मॉल पॉक्स जैसे स्किन पर लक्षण दिखते हैं.

What is Alaskapox: कोरोना ने वायरल बीमारी से पूरी दुनिया को खौफजदा कर दिया है. कहीं भी लोग अगर वायरल बीमारी के बारे में सुनते हैं तो कान खड़े हो जाते हैं. अब एक नई वायरल बीमारी से लोगों के होश उड़े हुए हैं. अमेरिका के अलास्का प्रांत में एक व्यक्ति की अलास्कापॉक्स नाम की बीमारी से मौत हो गई है. इसलिए दुनिया भर के वायरोलॉजिस्ट की इस नई बीमारी पर नजर हैं. 2015 में अलास्का में ही इंसान पर अलास्कापॉक्स का पहला मामला आया था. तब से लेकर अब तक अलास्का में 6 लोगों को अलास्कापॉक्स हुई है. इनमें से पिछले सप्ताह एक व्यक्ति की मौत की मौत हो गई. इसलिए लोगों में चिंता है कि क्या यह बीमारी और कहीं भी दस्तक देगी. आइए जानते हैं कि अलास्कापॉक्स है क्या और इसके क्या-क्या लक्षण है. क्या यह बीमारी अन्य जगहों में भी फैलेगी.

क्या होता है अलास्कापॉक्स

मिंट की खबर के मुताबिक अलास्कापॉक्स एक वायरल बीमारी है. चूंकि इस वायरस से संबंधित पहले मामला अमेरिका के अलास्कापॉक्स से आया, इसलिए इसका नाम अलास्कापॉक्स रखा गया है. यह वायरस इंसान और जानवरों को संक्रमित कर सकता है. यह ईंट के आकार का वायरस है. इसका वैज्ञानिक नाम ऑर्थोपॉक्स वायरस (orthopoxviruses) है. यह वायरस स्किन पर स्मॉल पॉक्स जैसा निशान छोड़ता है. इससे स्किन में घाव की तरह हो जाती है.

अलास्कापॉक्स के लक्षण क्या-क्या हैं

अलास्कापॉक्स से संक्रमित होने पर स्किन पर चकते या दाने या सूजन की तरह फूल जाते हैं. इसके साथ ही ज्वाइंट और मांसपेशियों में दर्द करने लगता है. वहीं लिंफ नोड्स में भी सूजन हो जाता है जिसके कारण लिंफ नोड्स भी हो सकते हैं. इसमें गर्दन के आसपास सूजन होने लगती है.

क्या यही बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में होती है

यह बीमारी छोटे जानवरों से इंसान में फैलती है. अब तक इंसान से इंसान में इस बीमारी के संक्रमित होना का कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन चिंता इस बात कि है कि यदि इस कुल के कुछ और वायरस सामने आएंगे जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं.

अलास्कापॉक्स का क्या है इलाज

अब तक पिछले 9 साल में कुल 7 मामले सामने आए हैं. इनमें से अधिकांश में मामूली लक्षण दिखे हैं जो एक सप्ताह के अंदर ठीक हो गए हैं. चूंकि यह नई बीमारी है, इसलिए इसकी कोई परफेक्ट दवा नहीं है लेकिन चूंकि यह इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, इसलिए डॉक्टर अन्य तरह से मैनेज करते हैं. पर अलास्कापॉक्स से होने वाली पहली मौत के कारण डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है.

अलास्कापॉक्स से कैसे बचें

अलास्कापॉक्स सबसे पहले जानवरों को होता है, इसलिए सबसे पहले अपने पैट्स को बचाएं. जंगलों में आग लगने के कारण यह वायरस जानवरों में फैल सकता है. इसलिए जहां जंगल में आग लगे, उससे दूर चले जाएं. इसके अलावा जब भी बाहर से आए या खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह साफ करें.

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