DMCA.com Protection Status पालक, मेथी और बथुआ नहीं… खाइए ये साग, यूरिक एसिड से लेकर गंभीर बीमारियों को रखेगा दूर – News Market

पालक, मेथी और बथुआ नहीं… खाइए ये साग, यूरिक एसिड से लेकर गंभीर बीमारियों को रखेगा दूर

पालक, मेथी और बथुआ नहीं... खाइए ये साग, यूरिक एसिड से लेकर गंभीर बीमारियों को रखेगा दूर

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सनन्दन उपाध्याय/बलिया: सर्दियों के मौसम में तरह-तरह के साग मिलते हैं जो खाने में बेहद स्वादिष्ट होते हैं. आज आपको एक ऐसे साग के बारे में बताएंगे जिसे अगर संजीवनी बूटी कहें तो कोई गलत नहीं होगा. ठंडी में गर्मी देने वाला यह महत्वपूर्ण साग एक बड़ी औषधि के रूप में भी कम करती है. जी हां हम बात कर रहे हैं सुनसुनिया साग की. जो न केवल खाने के लिए प्रयोग किया जाता है बल्कि आयुर्वेद में भी इसके बेहद लाभकारी उपयोग बताए गए है. दावा किया जाता है कि  इस साग का सेवन करने से आंखों की रोशनी, पेट के रोग, संक्रमण, यूरिक एसिड और घाव को भरने जैसे तमाम रोगों को जड़ से खत्म करने में कामयाब सिद्ध होता है.

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर की चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा कि यह एक बेहद लाभकारी साग है. जिसका आयुर्वेद में तमाम प्रयोग है. यह कई गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने के साथ ही ठंडी में गर्मी प्रदान करने वाली है. यूरिक एसिड के लिए तो एकदम रामबाण है. इसका साग आंखों की रोशनी को बढ़ाता है.

ये है इस साग का महत्व
डॉ. प्रियंका बताती हैं कि मार्सिलिया एक प्रकार का साग होता है. इसको साधारण भाषा में चौपतिया या सुनसुनिया के नाम से जाना जाता है और आयुर्वेद में स्वास्तिक, सुनिष्णक और श्रीवारक के नाम से जानते हैं. इसको खाने से आंखों की रोशनी बढ़ जाती है और इसके पंचांग को कूटकर रस निकालकर आंखों में डाला जाए तो भी नेत्र के लिए बहुत लाभकारी होता है. इसके चूर्ण को मठ्ठे के साथ पिया जाए तो मूत्रकृच्छ की समस्या दूर होती है. ये एक ऐसा रोग जिसमें पेशाव बहुत दर्द से या रुक रुककर थोड़ा थोड़ा होता है  इसके चूर्ण को सामान भाग मिश्री के साथ लेने से मूत्राघात और पत्थरी की शिकायत दूर होती है.

दूर होंगी ये तमाम बीमारियां
यह साग गर्मी देने वाला होता है. इसको पीसकर घाव पर लगाने से घाव भर जाते हैं. इसके साग को चावल के साथ खाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है. इस साग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आज जो यूरिक एसिड बढ़ रहे हैं अगर इसको घी में पका कर खाया जाए तो यूरिक एसिड एकदम साधारण हो जाता है. यह सांग गांजा या भांग के विषाक्त असर को भी समाप्त कर देता है. इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर अगर सेवन किया जाए तो सर्दी, खांसी, जुखाम और बुखार में भी बेहद लाभकारी सिद्ध होता है. इस साल के औषधि लाभ पाने के लिए चिकित्सक का राय जरूर लें.

(Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.)

Tags: Health, Local18

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