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Horse Gram Cure piles : पाइल्स या बवासीर मलद्वार या लोअर रेक्टम की नसों में सूजन लगने के कारण होती है. यह बहुत पेनफुलहै जिसमें स्टूल पास करते समय बहुत खतरनाक तरीके से दर्द करता है. इसमें मरीज असहाय होने लगता है. यह बीमारी वेरिकोज वेंस की तरह है. यह मलद्वार के अंदर स्किन को छिल देता है जिसके कारण खून भी निकलने लगता है. माना जाता है कि अधिकांश लोगों में पाइल्स की बीमारी है लेकिन कुछ लोगों में इसके लक्षण सामने आ जाते हैं. पाइल्स की बीमारी गलत खान-पान के कारण और अधिक भयावह हो जाती है. अगर फाइबर युक्त डाइट न ली जाए तो इससे दर्द बेहिसाब होने लगता है. बवासीर को कम करने के लिए तरह-तरह की चीजें को खाने की सलाह दी जाती है लेकिन दर्द से राहत नहीं मिलती. पर एक दाल ऐसी है जिससे पाइल्स के दर्द से बहुत हद तक राहत पाई जा सकती है. यह है कुल्थी की दाल.
कुल्थी की दाल में गुण
एनसीबीआई यानी अमेरिकन नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन के मुताबिक कुल्थी की दाल अत्यंत पौष्टिक चीज है जिसमें प्रोटीन और फाइबर का भंडार है. इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करता है. कुल्थी की दाल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. यानी यह सूजन को खत्म करने में माहिर है. वहीं कुल्थी की दाल मेटाबोलिज्म को बूस्ट करती है. दरअसल, कुल्थी की दाल में मौजूद पर्याप्त फाइबर के कारण यह पाचन तंत्र को बहुत मजबूत बना देता है. पाइल्स का दर्द मुख्य रूप से तब होता है जब पाचन खराब होने लगता है. इससे स्टूल पास होने में आसानी होती है. इस तरह कुल्थी की दाल का अगर 10 दिन भी सेवन कर लिया जाए तो इससे पाइल्स के दर्द से बहुत आराम मिलता है. कुल्थी की दाल किडनी स्टोन को खत्म करने में भी बहुत फायदेमंद है.
कुल्थी की दाल का कैसे करें इस्तेमाल
कुल्थी की दाल को लोग दाल की तरह ही बनाते हैं लेकिन यदि आप कुल्थी की दाल को पहले रात भर पानी में भींगने छोड़ दें तो इससे टेनिन की मात्रा निकल जाती है. इससे कुल्थी की दाल के फायदे ज्यादा मिलते हैं. भींगा कर दाल का सेवन करने से ज्यादा फायदा मिलता है. वहीं कुल्थी दाल को जब पानी में भींगा देते हैं और इसका पानी पीते हैं तो इसका भी फायदा होगा. खासकर किडनी स्टोन को निकालने में मदद करता है.
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Tags: Health, Health tips, Kidney, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : April 23, 2024, 17:21 IST
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