DMCA.com Protection Status न दवा की टेंशन…ना बीमारी की चिंता, इस आटे की रोटी से नहीं बढ़ेगा शुगर, डायबिटीज के लिए है रामबाण – News Market

न दवा की टेंशन…ना बीमारी की चिंता, इस आटे की रोटी से नहीं बढ़ेगा शुगर, डायबिटीज के लिए है रामबाण

न दवा की टेंशन...ना बीमारी की चिंता, इस आटे की रोटी से नहीं बढ़ेगा शुगर, डायबिटीज के लिए है रामबाण

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अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊः डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज के खाने पर तमाम तरह की पाबंदी लगा दी जाती है. ऐसे में मरीज को बेहद सादे और बोरिंग से खाने पर ही निर्भर रहना पड़ता है. शुगर के मरीजों की इस दिक्कत को दूर करने के लिए मार्केट में ‘डायबिटिक आटा’ आ गया है, जिसे श्री जगदंबा महिला गृह उद्योग समिति की सचिव मणि टंडन ने बनाया है. उन्होंने इस आटे को लखनऊ के मशहूर डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजीव अवस्थी के कहने पर तैयार किया है. मणि टंडन का दावा है कि इस आटे को डॉक्टर राजीव अवस्थी अपने डायबिटीज के मरीजों को खाने की सलाह देते हैं, ताकि उनका शुगर लेवल नियंत्रित रहे और उन्हें भरपूर मात्रा में न्यूट्रीशन भी मिलता रहे.

उन्होंने बताया कि इस आटे को अलसी, बाजरा, सोयाबीन, चना, रागी, गेहूं, ज्वार और चिया सीड्स से बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इसमें 20 फीसदी गेहूं का इस्तेमाल किया जाता है और 80 फीसदी मोटे अनाज लिए जाते हैं, जिनको पहले तेज आंच पर भून लिया जाता है. इसके बाद इसे चक्की में पिसवाया जाता है. इसी के साथ तैयार हो जाता है डायबिटिक आटा, जो शुगर के मरीजों को काफी पसंद आ रहा है. खास बात यह है कि यह आटा मरीजों की शुगर को नियंत्रित करने के साथ ही बेहद सस्ता भी है ताकि हर कोई इसे खरीद सके.

इतनी है इस आटे की कीमत
मणि टंडन ने बताया कि यह आटा एक किलो 160 रुपये का है, जबकि 500 ग्राम की कीमत 80 रुपये है. उन्होंने बताया कि इस आटे की प्रदर्शनी उन्होंने राजभवन में भी लगाई थी जहां पर काफी अधिकारियों को यह आटा पसंद आया था. उन्होंने बताया कि वह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से इस आटे को बनाने का आर्डर लेती हैं. जब ऑर्डर आता है तब बड़ी मात्रा में इस आटे को बनाया जाता है.

इस तरह खाएं तो होगा फायदा
संस्था की सचिव मणि टंडन ने बताया कि इस आटे को वह अपनी मां को भी देती हैं, जिनकी उम्र 70 साल है और पिछले 30 सालों से उन्हें डायबीटीज है. इस आटे से उनका शुगर स्तर नहीं बढ़ता है. उन्होंने बताया कि इस आटे की किसी भी प्रयोगशाला में जांच नहीं हुई है लेकिन जिन लोगों ने इसका इस्तेमाल किया है डॉ. राजीव अवस्थी की सलाह पर उन सभी को फायदा हुआ है. शर्त बस इतनी है कि अगर कोई मरीज इस आटे को खा रहा है तो सिर्फ इसी आटे की रोटी खाए, गेहूं की रोटी बिल्कुल बंद कर दें. इस आटे का असर दो से तीन महीने के अंदर मरीज के शरीर पर दिखने लग जाएगा.

Tags: Diabetes, Health, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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