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धरती पर हैं 5 ब्लू जोन, जहां 100 साल के होते हैं लोग, बीमारी इन्हें नहीं छूती

धरती पर हैं 5 ब्लू जोन, जहां 100 साल के होते हैं लोग, बीमारी इन्हें नहीं छूती

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Blue zones people Diet: धरती के 5 हिस्सों को ब्लू जोन माना गया है जहां के लोग पृथ्वी पर हर जगह के इंसान से कहीं लंबा जीवन बिना किसी बीमारी के जीते हैं. ब्लू जोन की अवधारणा को सबसे पहले अपने डेमोग्राफिक काम के आधार पर गिएनी पेस और माइकल पॉलेन ने दिया था. उन्होंने 2004 में इस बारे में अपना काम प्रकाशित किया था. उन्होंने इटली में नूओरो प्रांत में सार्डिनिया नाम की एक जगह की खोज की थी और दावा किया था कि यहां के औसत पुरुषों की उम्र 100 साल के आसपास होती हैं जो अन्य कहीं नहीं होती. इसके बाद डेन ब्यूटनर ने इस ब्लू जोन में चार और जगहों को जोड़ा और दावा कि सार्डिनिया के साथ-साथ इन चारों जगहों के लोगों की जीवन में बहुत समानताएं हैं.

यानी धरती के इन 5 जगहों पर कमोबेश लोगों की आयु 100 साल के आस-पास होती है और इनका भोजन भी लगभग समान है. इन लोगों को लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियां लगभग न के बराबर होती है. ऐसे में यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर इन लोगों का क्या डाइट है जिसके कारण इन लोगों का आयु 100 साल तक बिना बीमारी के पहुंच जाती है. इन लोगों की औसत आयु दुनिया के बाकी हिस्सों से औसतन 20 साल अधिक होती है.

ये हैं धरती के 5 ब्लू जोन

इनसाइडर के मुताबिक रिसर्चर गिएन्नी पेस, माइकल पॉलैन और डेन ब्यूटनर के शोध पर आधारित धरती पर 5 ब्लू जोन को चिन्हित किया गया है. ये जगहें हैं-ग्रीस में इकारिया, इटली में सार्डिनिया, जापान में ओकिनावा, अमेरिका में लोमा लिंडा और कोस्टारिका में निकायो. यहां के लोग अपेक्षाकृत ज्यादा हेल्दी रहते हैं और ज्यादा लंबी उम्र तक जीते हैं.

क्यों बिना बीमारी ज्यादा उम्र तक जीते हैं ब्लू जोन के लोग

हालांकि हेल्दी लाइफ और लंबी आयु के लिए जीन की बहुत बड़ी भूमिका है. वैज्ञानिकों ने मानना है कि किसी भी व्यक्ति की उम्र को निर्धारित करने के लिए 20 से 30 प्रतिशत योगदान उनके जीन में होता है. इसके बाद पर्यावरणीय प्रभाव, डाइट, लाइफस्टाइल आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इन्हीं नियमों के आधार पर ब्लू जोन में रहने वाले लोगों की आयु लंबी होती है. रहने वाले अधिकांश लोगों की आयु 90 से 100 तक पहुंचती हैं लेकिन सौ से अधिक उम्र के लोगों की संख्या भी कम नहीं है. इन लोगों के जीन तो प्रभावी है ही, साथ ही इन लोगों का लाइफस्टाइल एकदम नेचुरल है. ये लोग मांस-मछलियों का सेवन न के बराबर करते हैं और अपनी कुल डाइट में 95 प्रतिशत हिस्सा प्लांट बेस्ड फूड को शामिल करते हैं. यानी जो चीजें धरती से उपजाई जाई, उन चीजों का सेवन ही ये लोग अकसर करते हैं. यही उनकी लंबी आयु का राज है. इस कारण उन्हें क्रोनिक डिजीज जैसे कि मोटापा, हार्ट डिजीज, डाइटबिटीज आदि भी नहीं होती.

क्या है ब्लू जोन के लोगों की डाइट

इन इलाकों में सबसे बड़ी बात यह है कि इन इलाके के लोगों में क्रोनिक बीमारियां न के बराबर है. ब्लू जोन के लोग स्वच्छ पर्यावरण में रहते हैं. यहां नेचुरल अनाज, फ्रूट्स और सब्जियों की कमी नहीं है. ये लोग कलरफुल हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करते हैं. अपने फूड को बेहद सिंपल तरीके से खाते हैं. फलीदार सब्जियों की इनके पास कोई कमी नहीं होती. मुख्य भोजन में आमतौर पर ये लोग साबुत अनाज खाते हैं. एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक साबुत अनाज कोलोन कैंसर और हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है. वहीं ताजे फल इनकी डाइट का मुख्य हिस्सा होते हैं. ड्राई फ्रूट्स में बादाम, अखरोट, पिश्ता आदि मुख्य रूप से शामिल रहते हैं. वहीं फलों में सेब, संतरे, एवोकाडो, स्ट्रॉबेरी आदि की कोई कमी नहीं होती. एनिमल प्रोडक्ट्स में ये लोग मांस-मछलियों का बहुत कम सेवन करते हैं. कुछ लोग सप्ताह में एक दिन बहुत कम मात्रा में एनिमल प्रोडक्ट्स लेते हैं.

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