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कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में पिछले 20 वर्षों से तैनात गृह विज्ञान की एक्सपर्ट डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि कुल्फा हमारे खेतों में खरपतवार के रूप में खुद ही तैयार हो जाता है. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ए, मैग्निशियम, कैल्सियम, आयरन, पोटैशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें मौजूद कैल्सियम हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. यह साग आमतौर पर बगीचों, मैदानों और सड़कों के किनारे पाया जाता है. इस साग की खास बात यह है कि इसके पत्ते और डंठल दोनों ही खाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. ये पौधा धूप की तेज तपिश में भी डटकर खड़ा रहता है, इसलिये इसकी खेती ज्यादातर गर्मियों में की जाती है.
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