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Suno Dil Se WTC Final: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में लगातार दूसरी बार शर्मनाक शिकस्त पर बहस का सिलसिला अभी थमा नहीं है. क्रिकेट के विशेषज्ञ अलग अलग पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप रहे हैं. कोई कप्तान को गुनहगार मान रहा है, कोई टीम सलेक्शन को तो कोई टॉस जीतकर फील्डिंग करने के फैसले को.
सप्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों पर आधारित इस पॉडकास्ट के साथ मै हाजिर हूँ, संजय बैनर्जी का नमस्कार- सुनो दिल से. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में लगातार दूसरी बार शर्मनाक शिकस्त पर बहस का सिलसिला अभी थमा नहीं है. क्रिकेट के विशेषज्ञ अलग अलग पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप रहे हैं. कोई कप्तान को गुनहगार मान रहा है, कोई टीम सलेक्शन को तो कोई टॉस जीतकर फील्डिंग करने के फैसले को. जब भी भारत इस तरह का कोई बड़ा मुकाबला हारता है तो आईपीएल भी हर बार कटघरे मे खड़ा दिखता है. बीसीसीआई अब तक खामोश है, और उसकी खामोशी मे ही सबकी भलाई भी है. कई उदारवादी क्रिकेट समीक्षक मानते हैं कि खेल मे हार जीत तो लगी रहती है, इसमे इतना बखेड़ा क्यों, तो वहीं दूसरी ओर ज्यादातर मानते हैं कि पैसा, नाम और सुविधाएं लगातार क्रिकेटर्स के सर चढ़कर बोलती हैं, और इसलिए देश के लिए खेलना और आईपीएल मे क्लब के लिए खेलने मे फरक आ जाता है.
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