DMCA.com Protection Status 99 शतक के बाद भी सचिन तेंदुलकर क्यों हुए 24 मैच से बाहर? कोहली के फैंस को नहीं होगा विश्वास – News Market

99 शतक के बाद भी सचिन तेंदुलकर क्यों हुए 24 मैच से बाहर? कोहली के फैंस को नहीं होगा विश्वास

99 शतक के बाद भी सचिन तेंदुलकर क्यों हुए 24 मैच से बाहर? कोहली के फैंस को नहीं होगा विश्वास

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नई दिल्ली. सचिन तेंदुलकर का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार फैंस के कारण मास्टर ब्लास्ट को लेकर चर्चा शुरू हुई है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज 22 सितंबर से शुरू हो रही है. सीरीज के पहले 2 मैच से विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा सहित 4 सीनियर खिलाड़ियों को रेस्ट दिया गया है. लेकिन कोहली को रेस्ट दिए जाने से उनके फैन नाराज हो गए हैं. उनका कहना है कि कोहली को सिर्फ इसलिए आराम दिया जा रहा है, ताकि वे सचिन के शतकों को रिकॉर्ड को ना तोड़ सकें. हालांकि हमने एक दिन पहले आपको बताया था कि पिछले 4 साल में भारत की ओर से सबसे अधिक वनडे कोहली ने ही खेले हैं. आज हम आपको यह बता रहे हैं कि 2011 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद और 99 शतक लगाने के बाद सचिन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था.

सचिन तेंदुलकर के लिए 2 अप्रैल 2011 का दिन बेहद खास रहा. टीम इंडिया ने 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता. सचिन के करियर का यह पहला वर्ल्ड कप का खिताब था. वे 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे. वर्ल्ड कप जीतने तक सचिन तेंदुलकर के इंटरनेशनल क्रिकेट में 99 शतक पूरे हो चुके थे. यानी वे 100 शतक से सिर्फ एक कदम दूर थे. इसके बाद भी अगले 2 साल यानी 16 नवंबर 2013 तक सचिन इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते रहे. लेकिन उन्हें इस दौरान 24 मैच से बाहर रहना पड़ा. कभी चोट के कारण तो कभी टीम कॉम्बिनेशन के चलते. इस दौरान वे एक शतक लगाने में कामयाब रहे और 100 शतकों का महारिकॉर्ड भी बनाया.

सीनियर्स को बाहर करने का आरोप लगा
2007 के बाद से टीम इंडिया में एमएस धोनी का युग आया. इस दौरान सचिन तेंदुलकर सहित कई सीनियर खिलाड़ियों को कई मैचों से बाहर बैठना पड़ा. तब धोनी पर सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करने के आरोप लगते थे. लेकिन टीम स्ट्रेटजी और बेंच स्ट्रेंथ को देखते हुए यह जरूरी था. महेंद्र सिंह धोनी ने एक बेहतरीन टीम भी बनाई. इस कारण भारतीय टीम 2007 में टी20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया. ऐसे में आज भी टीम मैनेजमेंट, सेलेक्टर्स और कप्तान का अपना विजन होगा. ऐसे में आने वाले टूर्नामेंट का रिजल्ट बताएगा कि विराट कोहली को आराम दिया जाना सही था या गलत. लेकिन उनके फैंस का अभी इस पर सवाल उठाना शायद सही नहीं लगता.

21 वनडे और 3 टेस्ट से रहे बाहर
वनडे वर्ल्ड कप 2011 के बाद सचिन तेंदुलकर को 21 वनडे और 3 टेस्ट से टीम इंडिया से बाहर रहना पड़ा. भारतीय टीम ने 2011 से 2012 के बीच कुल 31 वनडे खेले. सचिन इस दौरान सिर्फ 10 मैच में उतरे. दूसरी ओर विराट कोहली और सुरेश रैना सभी 31 मैच खेले. सचिन ने 10 वनडे में 32 की औसत से 315 रन ही बना सके. यानी उनके प्रदर्शन में गिरावट आई. एक शतक और एक अर्धशतक लगाया.

2011 से 2013 के बीच टीम इंडिया ने 26 टेस्ट खेले. सचिन तेंदुलकर को 23 में मौका मिला. उन्होंने टेस्ट की 39 पारियों में 32 की औसत से 1229 रन बनाए. वे सिर्फ 9 ही अर्धशतक लगा सके. 94 रन बेस्ट प्रदर्शन रहा. विराट कोहली भी 34 साल के गए हैं. ऐसे में 2023 का वर्ल्ड कप उनका अंतिम वनडे वर्ल्ड कप माना जा रहा है. ऐसे में वे भी सचिन की तरह इसे यादगार बनाना चाहेंगे.

क्या विराट कोहली को सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ने से रोका जा रहा? इस दावे में कितनी सच्चाई

विराट कोहली 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे. कोहली ने वनडे में 47 तो इंटरनेशनल क्रिकेट में 77 शतक लगाए हैं. सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को देखें, तो उन्होंने वनडे में 49 तो इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक जड़े हैं. ऐसे में वर्ल्ड कप के दौरान कोहली वनडे क्रिकेट में 50 शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर बन सकते हैं.

Tags: Sachin tendulkar, Team india, Virat Kohli

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