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सिडनी टेस्ट बचाने वाले ‘संकटमोचक’ का दर्द- टीम से ड्रॉप होने के बाद किसी ने बात नहीं की…

सिडनी टेस्ट बचाने वाले 'संकटमोचक' का दर्द- टीम से ड्रॉप होने के बाद किसी ने बात नहीं की...

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नई दिल्ली. सिडनी टेस्ट की चौथी पारी में जब 250 के स्कोर पर चौथा विकेट गिरा तो बैटिंग करने के लिए हनुमा विहारी उतरे. ऋषभ पंत के आउट होने से भारतीय टीम जीत की उम्मीद खो चुकी थी और अब तकरीबन 50 ओवर खेलकर मैच ड्रॉ कराना था. थोड़ी ही देर में चेतश्वर पुजारा भी चलते बने और अब स्पेशलिस्ट बैटर के रूप में अकेले हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) बचे. लेकिन विहारी किसी दबाव में नहीं आए. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का उनके घर पर डटकर सामना किया. उन्होंने 161 गेंदें खेलीं और रन बनाए सिर्फ 23. लेकिन इन रनों पर मत जाइए. भारत ने हनुमा विहारी की इस पारी के दम पर मैच बचा लिया था. लेकिन यह तो इतिहास है, साल 2021 का एक बेहतरीन मैच, जिस पर हनुमा विहारी गर्व कर सकते हैं. आज की हकीकत यह है कि हनुमा विहारी खुद को नजरअंदाज किए जाने से दुखी हैं. कहते हैं- लंबे समय से टीम इंडिया के किसी साथी से बात नहीं हुई है.

हनुमा विहारी इन दिनों रणजी ट्रॉफी में आंध्र प्रदेश की ओर से खेल रहे हैं. उन्होंने हाल ही में 183 रन की पारी खेली थी. लेकिन भारतीय टीम में सेलेक्शन के लिए उनके नाम पर चर्चा तक नहीं हुई. पहले रजत पाटीदार और फिर सरफराज खान टीम में चुन लिए गए. 30 साल के हनुमा विहारी इन सब बातों की चर्चा नहीं करते. लेकिन उनका दुख छिपता नहीं है. क्रिकइंफो से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘टेस्ट टीम में नहीं होने से मुझे दुख और निराशा होती है. लेकिन यह खेल का हिस्सा है. हर एक के जीवन में उतारचढ़ाव आते हैं. मेरा काम रन बनाना है. यह सीजन (रणजी ट्रॉफी) अब तक मेरे और मेरी टीम के लिए अच्छा रहा है. मेरी कोशिश अब अधिक से अधिक रन बनाना और टीम में वापसी करना है.’

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हनुमा विहारी का टेस्ट करियर 16 मैचों का रहा है, जिसमें उन्होंने 5 अलग-अलग नंबर्स पर बैटिंग की है. ओपनिंग से लेकर नंबर तीन, पांच, छह और सात पर बैटिंग की है विहारी ने. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक खिलाड़ी के तौर पर उनमें कितनी फ्लेक्सिबिलिटी है. हालांकि, लगातार मौका नहीं मिल पाने की वजह से वे टीम में जगह पक्की नहीं कर पाए. धैर्यपूर्वक अपना खेल खेलने वाले हनुमा विहारी मैदान के बाहर भी शांत और संकोची हैं. शायद यही वजह है कि टीम इंडिया से बाहर होने के बाद उनकी किसी साथी से बात नहीं हुई है.

हनुमा विहारी कहते हैं, ‘हाल-फिलहाल मेरी किसी से बात नहीं हुई है. हां, मेरे आखिरी टेस्ट मैच के बाद राहुल द्रविड़ ने मुझसे बात की थी और कहा था कि मैं अपने खेल में और सुधार कर सकता हूं. इसके बाद से मैं किसी के संपर्क में नहीं हूं. मैं अब सिर्फ अपने खेल के बारे में सोचता हूं. अपना खेल सुधारने पर ध्यान है और ज्यादा से ज्यादा रन बनाना चाहता हूं.’ बता दें कि हनुमा विहारी ने भारत के लिए पहला टेस्ट मैच 2018 में और आखिरी टेस्ट 2022 में खेला था. उन्होंने अपने 16 टेस्ट में से 10 मैच विराट कोहली की कप्तानी में खेले हैं.

Tags: Hanuma vihari, Rahul Dravid, Ranji Trophy, Team india

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