DMCA.com Protection Status बैटर जिसका एक रिकॉर्ड दो दशक बाद भी कायम, आखिरी टेस्‍ट में जड़ा था दोहरा शतक – News Market

बैटर जिसका एक रिकॉर्ड दो दशक बाद भी कायम, आखिरी टेस्‍ट में जड़ा था दोहरा शतक

बैटर जिसका एक रिकॉर्ड दो दशक बाद भी कायम, आखिरी टेस्‍ट में जड़ा था दोहरा शतक

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नई दिल्‍ली. दाएं हाथ के इस बैटर को श्रीलंकाई क्रिकेट (Sri Lanka cricket) के ‘टाइगर’ का रुतबा हासिल था. बॉलर्स पर हॉवी होकर वह आक्रामक अंदाज में बैटिंग करता था. अरविंद डिसिल्‍वा (Aravinda de Silva) ने अर्जुन रणतुंगा (Arjuna Ranatunga) के साथ मिलकर न केवल श्रीलंकाई क्रिकेट को दुनिया में प्रतिष्‍ठा दिलाई बल्कि 1996 का वर्ल्‍डकप चैंपियन बनाने में भी अग्रणी योगदान दिया. भारत के वीरेंद्र सहवाग की ही शैली के एंटरटेनर बैटर डिसिल्‍वा वर्ल्‍डकप 1996 के सेमीफाइनल और फाइनल में प्‍लेयर ऑफ द मैच बने थे. डिसिल्‍वा की आक्रामक बैटिंग शैली वनडे के लिहाज से आदर्श थी, हालांकि टेस्‍ट क्रिकेट में भी उन्‍होंने अपने खेलकौशल का लोहा मनवाया.

टेस्‍ट क्रिकेट में वर्ष 1997 में बनाए गए उनके रिकॉर्ड की 26 साल बाद भी कोई  बराबरी नहीं कर पाया है. टेस्‍ट क्रिकेट के 146 साल के इतिहास में डिसिल्‍वा ऐसे इकलौते बैटर हैं जिन्‍होंने किसी टेस्‍ट की दोनों पारियों में नाबाद रहते हुए शतक जमाया है. अप्रैल 1997 में पाकिस्‍तान के खिलाफ कोलंबो टेस्‍ट में डिसिल्‍वा ने दोनों पारियों में शतक जड़ा था और दोनों ही बार नाबाद रहे थे. उनके अलावा अब तक कोई बैटर टेस्‍ट क्रिकेट की दोनों पारियों में नाबाद रहते हुए सैकड़ा जड़ने की उपलब्धि हासिल नहीं कर सका है.

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कोलंबो टेस्‍ट की दोनों पारियों में शतक जड़ा, रहे थे नाबाद
कोलंबो टेस्‍ट में श्रीलंका की पहली पारी में डिसिल्‍वा ने 19 चौकों की मदद से नाबाद 138 और दूसरी पारी में 11 चौकों और एक छक्‍के की मदद से नाबाद 103 रन बनाए थे. दो टेस्‍ट की इस सीरीज में उनका बल्‍ला कहर बरपाने पर आमादा था. सीरीज के पहले टेस्‍ट में उन्‍होंने 23 व 168 और दूसरे टेस्‍ट में 138* व 103* रन बनाए थे. दो टेस्‍ट में 216.00 के भारीभरकम औसत से 432 रन बनाते हुए वे प्‍लेयर ऑफ द मैच रहे थे. डिसिल्‍वा ने इन 432 में से 204 रन (48 चौके और दो छक्‍के) तो बाउंड्री के जरिये ही बनाए थे.

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करियर के आखिरी टेस्‍ट में जड़ा था दोहरा शतक
अरविंद डिसिल्‍वा ने अपने करियर के आखिरी टेस्‍ट को भी यादगार बनाते हुए दोहरा शतक जड़ा था. उन्‍होंने अपना आखिरी टेस्‍ट जुलाई 2002 में बांग्‍लादेश के खिलाफ कोलंबो में खेला और इसमें वनडे स्‍टाइल में बैटिंग करते हुए 88.03 के स्‍ट्राइक रेट से 28 चौकों व एक छक्‍के के सहारे 206 रन बनाए थे. श्रीलंका टीम ने पारी के अंतर से यह मैच जीता था. बता दें, टेस्‍ट क्रिकेट में अब तक 4 बैटर ही अपने आखिरी टेस्‍ट में दोहरा शतक लगा पाए हैं, इसमें डिसिल्‍वा के अलावा ऑस्‍ट्रेलिया के बिल पोंसफोर्ड (266 रन, वर्ष 1934), वेस्‍टइंडीज के सीमॉर नर्स (266 रन, वर्ष 1969) और ऑस्‍ट्रेलिया के जेसन गिलेस्‍पी (201* रन, वर्ष 2006) शामिल हैं. इंग्‍लैंड के एंडी सेंडम तो अपने आखिरी टेस्‍ट में वेस्‍टइंडीज के खिलाफ तिहरा शतक (325 रन, वर्ष 1930) लगाने का कारनामा कर चुके हैं.

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खूब आलोचना हुई लेकिन आक्रामक बैटिंग नहीं छोड़ी
डिसिल्‍वा फ्रंट फुट के अलावा बैकफुट के भी बेहतरीन बैटर थे. वे कट और हुक शॉट  अच्‍छा खेलते थे, साथ ही स्‍टेप आउट कर स्पिनर्स को छक्‍का जड़ने में माहिर थे. हालांकि आक्रामक तेवरों के चलते कई बार बेवजह विकेट गंवाने के कारण उन्‍हें आलोचना का सामना भी करना पड़ा लेकिन पूरे करियर में उन्‍होंने बेखौफ होकर बैटिंग की और बॉलर के बड़े नाम के दबाव में आए बिना खुलकर स्‍ट्रोक खेले. श्रीलंकाई क्रिकेट के शुरुआती दौर में ही पाकिस्‍तान के खिलाफ एक टेस्‍ट के दौरान तेज गेंदबाज इमरान खान की बाउंसर पर डिसिल्‍वा घायल होते-होते बचे थे. इमरान ने अगली गेंद फिर बाउंसर फेंकी. कोई दूसरा बैटर होता तो शायद हुक लगाने से परहेज करता लेकिन डिसिल्‍वा कहां चूकने वाले थे. उन्‍होंने हुक लगाते हुए गेंद छक्‍के के लिए बाउंड्री से बाहर पहुंचा दी थी. विव रिचर्ड्स को आदर्श मानने वाले इस श्रीलंकाई बैटर ने एक इंटरव्‍यू में कहा था, ‘खराब शॉट खेलकर आउट होने पर मेरी आलोचना होती थी लेकिन मैंने हमेशा सोचा कि यह ही मेरे खेलने की स्‍टाइल और प्‍लस प्‍वाइंट है. मैंने इन आलोचनाओं पर कभी ध्यान नहीं दिया. मेरे आदर्श विव (रिचर्ड्स) थे और उनका रवैया भी इसी तरह का था.’

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जब डिसिल्‍वा को बाहर करने पर रणतुंगा भी टीम से हट गए थे

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डिसिल्‍वा श्रीलंका के सर्वकालीन महान कप्‍तान अर्जुन रणतुंगा के खास सिपहसालार रहे. रणतुंगा हमेशा डिसिल्‍वा के समर्थन में मजबूती से खड़े रहे. लापरवाही से बैटिंग के आरोप में जब 1994 में ऑस्ट्रेलेशिया कप से पहले डिसिल्वा को श्रीलंका टीम से बाहर कर दिया गया तो विरोधस्वरूप रणतुंगा ने भी उस टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया था. डिसिल्‍वा ने बाद में वर्ल्‍डकप 1996 में श्रीलंका को चैंपियन बनाने में अहम योगदान देकर अपने कप्‍तान के ‘उपकार’ का ‘कर्ज’ चुकाया था . छह टेस्‍ट और 18 वनडे में श्रीलंका की कप्‍तानी करने वाले डिसिल्‍वा ने 93 टेस्‍ट में 42.97 के औसत से 6361 रन (20 शतक) और 308 वनडे में 34.90 के औसत और 81.13 के स्‍ट्राइक रेट से 9284 रन (11 शतक) बनाए. अपनी ऑफ ब्रेक बॉलिंग से उन्‍होंने वनडे में 106 और टेस्‍ट में 29 विकेट भी हासिल किए. मार्च 2003 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ उन्‍होंने वर्ल्‍डकप 2003 में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला. श्रीलंका के अरविंद डिसिल्वा, भारत के वीरेंद्र सहवाग और भारत की महिला क्रिकेटर डायना एडुल्जी को क्रिकेट में योगदान के लिए पिछले साल ही आईसीसी हाल ऑफ फेम में शामिल किया गया है.

Tags: Cricket, Sri lanka, Sri Lanka Cricket Team, Test cricket

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