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नेताओं से भी तेज निकला ये क्रिकेटर, पॉलिटिक्स जॉइन की और 15 दिन में पार्टी भी बदल ली, झगड़ों के लिए बदनाम अलग

नेताओं से भी तेज निकला ये क्रिकेटर, पॉलिटिक्स जॉइन की और 15 दिन में पार्टी भी बदल ली, झगड़ों के लिए बदनाम अलग

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नई दिल्ली. क्रिकेटरों के नेता बनने के किस्से तमाम हैं, लेकिन यह शायद अपनी तरह का अकेला मामला है, जब किसी क्रिकेटर ने पॉलिटिक्स जॉइन की. फिर हफ्ते भर बाद छोड़ दी. और चार दिन बाद दोबारा राजनीति के मैदान पर कूद पड़ा. लेकिन बदली हुई पार्टी के साथ. अब पॉलिटिक्स जॉइन करने, छोड़ने और पार्टी बदलने की तेजी तो यही बताती है कि इस क्रिकेटर में नेताओं वाले सारे लक्षण हैं. दिलचस्प बात यह कि इस क्रिकेटर के झगड़े भी ‘मशहूर’ रहे हैं. फिलहाल अंबाती रायुडू राजनीति से ब्रेक लेकर टी20 लीग में भी लौट आए हैं. आइए समझते हैं रायुडू की राजनीति…

अंबाती रायडू ने जब 16 साल की उम्र में फर्स्टक्लास क्रिकेट में डेब्यू किया और अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी की तो कई दिग्गजों ने कहा कि क्रिकेट को नया सितारा मिल गया है. रायडू भारत के लिए खेले और वनडे में उनका औसत सचिन-गांगुली-सहवाग-रोहित से भी ज्यादा है… उनके करियर पर बात फिर कभी. अभी बात उनकी पॉलिटिक्स की, जिसमें 15 दिन के भीतर ही गजब का उतारचढ़ाव दिखा है.

भारत के लिए 61 मैच खेलने वाले ‘गुस्सैल’ अंबाती रायडू ने 2019 में क्रिकेट से संन्यास लिया. दो महीने बाद संन्यास से लौटे और फिर 2023 तक क्रिकेट खेलते रहे. एमएस धोनी की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स की कामयाबी में भी रायुडू का रोल रहा. बहरहाल, साल 2023 खत्म होने के चंद रोज पहले अंबाती ने धमाका कर दिया. 38 साल के इस क्रिकेटर ने 28 दिसंबर 2024 को राजनीति ज्वाइन कर ली. आंध्र में सरकार चला रही वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य बन गए अंबाती रायुडू. किसी ने उन्हें बधाई दी तो कोई हैरान हुआ, लेकिन रायुडू क्रिकेट छोड़ आगे बढ़ चले.

लेकिन अंबाती रायुडू तो अपने यूटर्न के लिए भी जाने जाते हैं तो भला पॉलिटिक्स में वे इससे कैचे बच पाते. राजनीति के मैदान पर कूदने के दसवें दिन यानी 6 जनवरी 2024 को अंबाती रायुडू सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हैं. कहते हैं कि उन्हें आईएलटी20 लीग में खेलना है और बतौर पॉलिटीशियन वे खेल नहीं सकते. इसलिए राजनीति छोड़ रहे हैं ताकि लीग में खेल सकें.

अब जो क्रिकेटर करियर के पीक पर ‘बगावत’ कर चुका हो, बीसीसीआई छोड़ ‘बागी’ लीग आईसीएल से जुड़ चुका हो, उसका राजनीति में आना या जाना ज्यादा हैरान नहीं कर रहा था. लेकिन 10 जनवरी को अंबाती रायुडू ने जो पोस्ट किया, वह बता रहा था कि खिचड़ी कुछ और ही पक रही थी. रायुडू ने अपने नए पोस्ट में कहा कि उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस छोड़ी है राजनीति नहीं. राजनीति के जरिए वे लोगों की सेवा करते रहेंगे लेकिन पवन कल्याण की पार्टी के जरिए.

अंबाती रायुडू ने अपने लंबे चौड़े पोस्ट में जो लिखा, उसका सार था कि वे लोगों की सेवा करना चाहते हैं. इसी सिलसिले में जब वे कुछ लोगों से मिले, तो पता चला कि गांवों में कई समस्याएं हैं. लोगों की परेशानियां दूर नहीं हो रही हैं. उन्होंने निजी तौर पर कुछ मदद की, लेकिन बड़े स्तर पर नहीं कर पाए. वे जो काम करना चाहते हैं वह वाईएसआर कांग्रेस के साथ रहकर संभव नहीं हैं. वाईएसआर कांग्रेस और उनकी विचारधारा भी नहीं मिलती है. इस बीच मित्रों और परिजनों ने उन्हें पवन अन्ना के बारे में बताया. वे पवन अन्ना से मिले, जिनकी विचारधारा उनकी जैसी ही है. वे राजनीति के जरिए आंध्र प्रदेश के लोगों की सेवा करते रहेंगे.

Tags: Ambati rayudu, BCCI, Indian Cricketer, IPL

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