DMCA.com Protection Status कौन हैं सचिन दास, भारत को U19 वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचाया, 4 साल में थामा बल्ला, छक्के मारे तो चेक किया गया बैट – News Market

कौन हैं सचिन दास, भारत को U19 वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचाया, 4 साल में थामा बल्ला, छक्के मारे तो चेक किया गया बैट

कौन हैं सचिन दास, भारत को U19 वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचाया, 4 साल में थामा बल्ला, छक्के मारे तो चेक किया गया बैट

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नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम U19 वर्ल्ड कप (Under 19 World Cup) में फाइनल में पहुंच चुकी है. अंडर19 भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में मेजबान दक्षिण अफ्रीका को कांटे की टक्कर में हराया. एक समय भारतीय टीम 32 रन पर 4 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी. सचिन दास (Sachin Dhas) ने इस दबाव से भारत को निकाला. यूं तो कप्तान उदय सहारन क्रीज पर टिके हुए थे, लेकिन वो सचिन दास ही थे, जिन्होंने आग उगल रहे अफ्रीकी गेंदबाजों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया. जब सचिन बैटिंग करने आए तो भारत का स्कोर 12वें ओवर में 32 रन था. यानी रनरेट 3 से भी कम. तब सचिन ने 47 गेंद पर फिफ्टी ठोक दी, जिसमें 9 चौके शामिल थे. बाउंसर पर उनके पुल और हुक देखने लायक थे.

अफ्रीकी पिच पर अफ्रीकी पेस अटैक को धूल चटाने वाले सचिन दास (Sachin Dhas) महाराष्ट्र के बीड़ जिले से आते हैं. सूखे से परेशान रहने वाले इस शहर के सचिन ने छोटी उम्र से ही बल्ला थाम लिया था. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सचिन दास ने साढ़े 4 साल की उम्र से क्रिकेट सीखना शुरू कर दिया था. सचिन के पिता संजय दास स्वास्थ्य विभाग में काम करते हैं. मां सुलेखा असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) हैं. संजय दास यूनिवर्सिटी लेवल पर क्रिकेट खेल चुके हैं.

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संजय दास बताते हैं कि उन्होंने जब कम उम्र में सचिन को क्रिकेटर बनने की ट्रेनिंग दिलानी शुरू की तो मां सुलेखा को यह ज्यादा पसंद नहीं आया. इस बीच सचिन ने एजग्रुप टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. जब सचिन का चयन स्टेट टीम (एजग्रुप) में हो गया तो मां सुलेखा भी उसके क्रिकेट बनने के फैसले से खुश थीं और पूरा सहयोग करने लगीं.

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जैसा कि सबने देखा कि सचिन दास ना सिर्फ रुककर खेलना जानते हैं, बल्कि तगड़े शॉट भी लगाते हैं. कुछ साल पहले तो जब सचिन ने पुणे में एक लोकल टूर्नामेंट में लंबे-लंबे छक्के लगाए तो आयोजकों ने उनके बैट तक चेक किए. जहां तक अंडर19 वर्ल्ड कप की बात है तो उन्होंने सेमीफाइनल में 95 गेंद पर 96 रन की बेमिसाल पारी खेली. इससे ठीक पहले ग्रुप मैच में उन्होंने नेपाल के खिलाफ शतक लगाया था.

संजय दास बेटे सचिन को क्रिकेट बनाने का सारा श्रेय कोच शेख अजहर को देते हैं. शुरुआती दिनों में बीड़ में सचिन की प्रैक्टिस के लिए टर्फ विकेट नहीं थी. मैट पर प्रैक्टिस होती थी. कोच शेख अजहर ने संजय दास से मिलकर टर्फ विकेट का इंतजाम किया, ताकि सचिन को सही प्रैक्टिस मिल सके.

Tags: India under 19, Under 19 World Cup



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