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हाइलाइट्स
भारत के वेंकटराघवन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था यह कारनामा
पाकिस्तान के कादिर, वकार और श्रीलंका के मुरली भी ऐसा कर चुके
नई दिल्ली. किसी एक टेस्ट में कोई गेंदबाज विपक्षी टीम के सभी 11 बैटरों (दोनों पारियों में मिलाकर) को आउट करने में सफल हो जाए… ऐसा होना बहुत मुश्किल लगता है. रेड बॉल क्रिकेट में अब तक 6 बॉलर यह अनोखी उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. भारत के एक बॉलर सहित चार एशियाई प्लेयर्स ने यह रिकॉर्ड बनाया है. टेस्ट क्रिकेट में आखिरी बार, अक्टूबर 2000 में श्रीलंका केऑफ स्पिनर मुरलीधरन ने एक टेस्ट में सभी 11 प्लेयर को आउट किया था. मुरली के अलावा, इंग्लैंड के जिम लेकर, भारत के श्रीनिवास वेंकटराघवन, ऑस्ट्रलिया के ज्योफ डायमॉक तथा पाकिस्तान के अब्दुल कादिर और वकार यूनुस ने यह कारनामा किया है.
टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले यह उपलब्धि इंग्लैंड के ऑफ ब्रेक बॉलर जिम लेकर (Jim Laker) ने हासिल की थी. उन्होंने जुलाई 1956 में मेनचेस्टर में हुए टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के सभी 11 बैटरों को आउट किया था. ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में उन्होंने 9 बल्लेबाजों-कोलिन मैकडोनल्ड, नील हार्वे, इयान क्रेग, कीथ मिलर, केन मैकॉय, रॉन ऑर्चर, रिची बेनो, लेन मैडॉक और इयान जॉनसन के विकेट झटके थे जबकि दूसरी पारी में जिम बुर्के और रे लिंडवाल सहित सभी 10 बल्लेबाजों को आउट किया था. मैच में लेकर ने 19 विकेट लिए थे, जो टेस्ट क्रिकेट में किसी 90 रन देकर 19 विकेट लिए थे] जो अब तक टेस्ट क्रिकेट में किसी भी बॉलर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
भारत के एस. वेंकटराघवन (Srinivas Venkataraghavan) ने मार्च 1965 में जिम लेकर के 11 विकेट के इस कारनामे की बराबरी की. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ दिल्ली में हुए टेस्ट में 152 रन देकर 12 विकेट लिए थे. इस दौरान पहली पारी में उन्होंने विपक्षी टीम के आठ बैटरों- ग्राहम डाउलिंग, टैरी जार्विस, रॉस मोर्गन, बीवन कॉंगडोन, बेर्ट सटक्लिफ, विक पोलार्ड, जॉन बार्ड और फ्रेंक कैमरॉन को आउट किया था. दूसरी पारी में वेंकट ने जॉन रीड, ब्रूस टेलर और रिचर्ड कॉलिंगे सहित चार बैट्समैन को आउट किया था.
ऑस्ट्रेलिया के डायमॉक (Geoff Dymock) ने भारत के खिलाफ वर्ष 1979 में कानपुर में दोनों पारियों में मिलाकर सभी 11 बल्लेबाज को आउट किया था.पहली पारी में वे भारत के पांच बैटरों- सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, करसन घावरी, शिवलाल यादव और वेंकटराघवन को आउट करने में सफल रहे थे जबकि दूसरी पारी में उन्होंने चेतन चौहान, दिलीप वेंगसरकर, यशपाल शर्मा, कपिल देव, सैयद किरमानी और दिलीप दोषी सहित 7 बल्लेबाजों को आउट किया था. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज डिकॉक ने मैच में 166 रन देकर 12 विकेट लिए थे.
पाकिस्तान के अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) ने नवंबर 1987 में लाहौर में इंग्लैंड के खिलाफ 101 रन देकर 13 विकेट लिए, इस दौरान उन्होंने विपक्षी टीम के सभी 11 बल्लेबाजों को आउट करने का कमाल किया. दाएं हाथ के लेगब्रेक बॉलर कादिर ने पहली पारी में इंग्लैंड के 9 बल्लेबाजों-ग्राहम गूच, क्रिस ब्रॉड, टिम रॉबिन्सन, माइक गैटिंग, बिल एथे, फिल डिफ्रीटास, जॉन एंबुरी, नील फॉस्टर और निक कुक को शिकार बनाया था जबकि दूसरी पारी में ब्रूस फेंच और डेविड केपल सहित चार विकेट उनके खाते में आए थे.
पाकिस्तान के ही एक अन्य बॉलर वकार यूनुस (Waqar Younis) ने अक्टूबर 1990 में न्यूजीलैंड के खिलाफ फैसलाबाद में कादिर जैसा ही करिश्मा किया. उन्होंने मैच में 130 रन देकर 12 विकेट लिए थे. इस दौरान पहली पारी में सात कीवी बैटरों-ट्रेवर फ्रेंकलिन, मार्क ग्रेटबैच, केन रुदरफोर्ड, दीपक पटेल, डैनी मॉरिसन, ग्रांट ब्रेडबर्न और विली वाटसन के विकेट लिए थे. दूसरी पारी में वकार ने फिल हॉर्न, मार्टिन क्रो, इयान स्मिथ और क्रिस प्रिंगल सहित पांच बल्लेबाजों को आउट किया था.
श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (M Muralidaran) ने जुलाई 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गॉल में 171 रन देकर 13 विकेट लिए थे. इस दौरान पहली पारी में विपक्षी टीम के छह बैटर-गैरी कर्स्टन, नील मैकेंजी, जैक्स कालिस, जोंटी रोड्स, मार्क बाउचर और शॉन पोलाक उनकी गेंद पर आउट हुए थे. दूसरी पारी में मुरली ने 7 विकेट लिए थे. इस दौरान डेरिल कलिनन, लांस क्लूजनर, निकी बोए, पॉल एडम्स और मखाया एनटिनी उनके शिकारों में शामिल थे.
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Tags: Cricket, Muttiah Muralitharan, Waqar Younis
FIRST PUBLISHED : July 12, 2023, 10:22 IST
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