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ICC का फैसला, मेल प्यूबर्टी वाले प्लेयर्स की महिला क्रिकेट से होंगे दूर

ICC का फैसला, मेल प्यूबर्टी वाले प्लेयर्स की महिला क्रिकेट से होंगे दूर

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हाइलाइट्स

आईसीसी ने वर्ल्ड कप के बाद क्रिकेट के नियम में किया बदलाव.
आईसीसी ने दो नए नियमों का ऐलान किया है.

नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने प्रमुख नीतिगत फैसले में मंगलवार को दो नए नियमों का ऐलान किया. जिसमें से पहले में स्टॉप क्लॉक के बारे में बताया गया. यह रूल गेंदबाजी कर रही टीम पर लागू होगा. वहीं, दूसरे में आईसीसी ने उन क्रिकेटर्स को अंतरराष्ट्रीय महिलाओं के खेल में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया जो ‘मेल प्यूबर्टी’हासिल कर चुके हैं. मेल प्यूबर्टी का मतलब है कि पुरुषों में किशोरावस्था के दौरान लिंग परिवर्तन. आईसीसी के रूल के मुताबिक मेल प्यूबर्टी हासिल करने वाले प्लेयर्स की महिला क्रिकेट में अब एंट्री नहीं होगी.

आईसीसी ने साफ किया कि वह अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए यह फैसला ले रहा है. आईसीसी ने जारी बयान में बताया, ‘नई नीति कुछ सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में) पर आधारित है. इसमें महिलाओं के खेल की अखंडता, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन शामिल हैं. इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला बनने वाले प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार की ‘मेल प्यूबर्टी’ से गुजर चुके हैं वे सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतरराष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे.’

क्या घरेलू क्रिकेट में भी होगा लागू?

आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लिंग पात्रता के नियमों को मजबूत करते हुए घरेलू स्तर पर इस मुद्दे को सदस्य बोर्डों के हाथों में छोड़ दिया. आईसीसी के मुताबिक, ‘यह फैसला डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति के नेतृत्व में की गई समीक्षा पर आधारित है. यह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है. घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता के मामले में प्रत्येक सदस्य बोर्ड का अपना कानून होगा. इस नियम की दो साल के अंदर समीक्षा की जाएगी.’

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आईसीसी के स्टॉप क्लॉक नियम की बात करें, तो इसमें किन्ही भी दो ओवर्स के बीच गैप देखा जाएगा. यदि पारी में तीन बार किन्हीं भी दो ओवर्स के बीच 1 मिनट से ज्यादा का गैप होता है तो फील्डिंग टीम को 5 रन की पैनाल्टी का झेलनी पड़ेगी. यह नियम अगले महीने यानि दिसंबर से ट्रायल में आएगा.

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