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हाइलाइट्स
मुश्किल यह है कि इसे शुरुआती दौर में पकड़ना आसान नहीं होता.
उपचार ना हो तो 3 से 4 साल के भीतर इंसान की जान जा सकती है.
Chronic Myeloid Leukemia Symptoms And Treatment : आमतौर पर जब हमें थकान महसूस होती है या रात के वक्त अत्यधिक पसीना आता है या कभी कभी माइल्ड बुखार आ जाता है तो हम ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन कर लेते हैं और इन लक्षणों को इग्नोर कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सीएमएल यानी कि क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया के शुरुआती लक्षण ऐसे ही होते हैं, जो बाद में चलकर जानलेवा हो जाती है. यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, हालांकि उम्रदराज लोगों में यह कैंसर अधिक तेजी से फैलता है.
क्या है क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया(Chronic Myeloid Leukemia)
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, कोई भी कैंसर तब शुरू होता है जब शरीर में कोशिकाएं कंट्रोल से बाहर होने लगती हैं और शरीर के लगभग हर कोशिकाओं को कैंसर बनाने लगती हैं. क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया भी एक तरह का कैंसर है जो बोन मैरो के अंदर ब्लड बनाने वाली कोशिकाओं में शुरू होता है. इस तरह ये नॉमल सेल को दोगुनी रफ्तार में कैंसर सेल बनाते हुए पूरे शरीर की कोशिकाओं में कैंसर को फैला देता है और ऐसे हालत में सही इलाज के बिना जान जा सकती है.
कब हो जाता है खतरनाक
मुश्किल यह है कि इसे शुरुआती दौर में पकड़ना आसान नहीं होता, आमतौर पर रूटीन ब्लड टेस्ट और ब्लड सेल काउंट कराने के बाद यह पता चलता है कि इस तरह का कोई सेल है जो शरीर में बन रहा है. ऐसे में अगर उपचार शुरू ना किया जाए तो ये 3 से 4 साल के भीतर इंसान की जान ले सकता है.
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क्या हैं लक्षण
थकान, कमजोरी होना, रात में अधिक पसीना आना, तेजी से वजन घटना, पेट में सूजन, बिना खाए भी पेट भरा भरा लगना, बुखार आदि इसके सामान्य से दिखने वाले लक्षण होते हैं.
कैसे होता है इलाज
जब आप ब्लड टेस्ट कराते हैं और उसमें अनयूजुअल ब्लड टेस्ट रिजल्ट आता है तो हेल्थकेयर एक्सपर्ट आपको क्रोमोसोम और जेनेटिक टेस्ट की सलाह देते हैं. इसके अंदर कंप्लीट ब्लड काउंट, बोन मैरो बायोप्सी, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि से इसके लक्षण और स्टेज को पहचाना जाता है. इसके बाद टारेगेटेड थेरेपी की मदद से इलाज शुरू होता है. इसके तहत मेडिकेशन, कीमोथेरेपी, टायरोसिन किनेस इनहिबिटर आदि का सहारा लिया जाता है.
कैसे इससे बचें
किसी भी तरह के कैंसर से बचने के लिए अल्कोहल और तंबाकू का सेवन छोड़ दीजिए. साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज कीजिए. हेल्दी डाइट लीजिए और प्रोसेस्ड फूड, पैकेटबंद फूड, रेड मीट, ज्यादा तली-भुनी चीजें आदि का सेवन न करें. भोजन के आधे हिस्से में ताजे फल और हरी पत्तीदार सब्जियां को शामिल करें.
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Tags: Cancer, Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : February 12, 2024, 10:19 IST
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