DMCA.com Protection Status सौरव गांगुली ने ऐसा क्‍या कहा था कि रात 11 बजे बॉलिंग करने लगे शोएब अख्‍तर – News Market

सौरव गांगुली ने ऐसा क्‍या कहा था कि रात 11 बजे बॉलिंग करने लगे शोएब अख्‍तर

सौरव गांगुली ने ऐसा क्‍या कहा था कि रात 11 बजे बॉलिंग करने लगे शोएब अख्‍तर

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नई दिल्‍ली. भारत और पाकिस्‍तान की टीमें भले ही मैदान में प्रबल प्रतिद्वंद्वी हों लेकिन मैदान के बाहर इसके प्‍लेयर्स की आपस में खूब छनती है. वसीम अकरम, शाहिद अफरीदी जैसे कई दिग्‍गज इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि मैदान पर दोनों टीमों के प्‍लेयर्स में खूब स्‍लेजिंग व तूतू-मैंमैं होती थी लेकिन खेल खत्‍म होने के बाद शाम को हम अकसर साथ में खाना खाते व मौजमस्‍ती करते थे. टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के भी इंटरनेशनल करियर के दौरान पाकिस्‍तान में कुछ क्रिकेटर खास दोस्‍त बने जिसमें वसीम अकरम, इंजमाम उल हक और शोएब अख्‍तर प्रमुख थे.

सौरव के अनुसार, 2004 की भारत-पाकिस्‍तान क्रिकेट सीरीज के दौरान एक बार उन्‍होंने दिग्‍गज तेज गेंदबाज शोएब अख्‍तर (Shoaib Akhtar) को रावलपिंडी के वनडे मैच से पहले रात 11 बजे अकेले बॉलिंग की प्रैक्टिस करते हुए देखा था. उन्‍होंने इस वाकये के साथ पाकिस्‍तानी के अपने समय के क्रिकेटरों के साथ दोस्‍ती और अन्‍य बातों का जिक्र अपनी पुस्‍तक ‘वन सेंचुरी इज नॉट इनफ (एक सेंचुरी काफी नहीं) में किया है.

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गांगुली को शोएब का आत्‍मविश्‍वास पसंद आया था

सौरव ने पुस्‍तक में लिखा, ‘पाकिस्‍तान के साथ इतने लंबे वक्‍त तक खेलने के दौरान सरहद पार मेरे कई दोस्‍त बन गए. वसीम, वकार, इंजी और शोएब अख्‍तर. शोएब के साथ मेरा पहला सामना ईडन गॉर्डंस पर हुआ जहां उसने एक के बाद एक गेंदों पर सचिन और द्रविड़ को आउट करके भारतीय मध्‍यक्रम को झकझोर दियाा था. हालांकि अच्‍छी तरह परिचय कुछ माह बाद तब हुआ जब हम ऑस्‍ट्रेलिया के दौरे पर थे और उससे होबार्ट के होटल की लॉबी में भेंट हुई. मैंने सुना था कि उसने पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड को लिखकर सीनियर प्‍लेयर्स के बराबर सैलरी दिए जाने की मांग की थी. जब हमारी बात हुई तो मैं टीम में शामिल हुए इस नए-नए बॉलर को लेकर पशोपेश में था कि उसने केवल चार-पांच टेस्‍ट खेले थे और अपनी तुलना वसीम और वकार से कर रहा था जो उस समय तक मिलकर 700 से ज्‍यादा इंटरनेशनल विकेट ले चुके थे. लेकिन मुझे उसका आत्‍मविश्‍वास पसंद आया था. अगर उसने खुद को ठीक से संभाला होता तो वह कम से कम 100 टेस्‍ट विकेट और ले सकता था.’

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प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में मैंने कहा था,’रावलपिंडी एक्‍सप्रेस पटरी से उतारेंगे’
सौरव आगे लिखते हैं, ‘शोएब के बारे में कोई भी बातचीत उसके बोलने के लहजे की चर्चा के बिना पूरी नहीं हो सकती. मुझे नहीं पता कि कैसे और कब उसने पाकिस्‍तानी-ब्रिटिश एक्‍सेंट की अंग्रेजी बोलनी सीखी. कई बार मुझे समझ ही नहीं आता था कि वह क्‍या बोल रहा है.’ भारत के पूर्व कप्‍तान ने लिखा, ‘2004 की सीरीज का एक वाकया मुझे अच्‍छे से याद है. रावलपिंडी वनडे से पहले मैंने उसे (शोएब को) अकेले रात के 11 बजे बॉलिंग करते हुए देखा. पूरे मैदान पर कोई नहीं था. उसने करीब 45 मिनट बॉलिंग की. यह नजारा हैरान करने वाला था. शोएब ने उससे पहले कराची के वनडे में अपने 10 ओवर्स में 55 रन लुटाए थे. मुझे अभी भी नहीं पता कि वह रात को क्‍या करने की की कोशिश कर रहा था? वो अपनी टीम को कोई संदेश दे रहा था या हमें कोई संदेश देने की कोशिश कर रहा था. अपनी पहली प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में मैंने कहा था कि हम रावलपिंडी एक्‍सप्रेस को पटरी से उतार देंगे. मुझे लगा कि शायद इस बात ने शोएब को दबाव में ला दिया था. ‘

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‘तेज गेंदबाजी के शॉपिंग मॉल थे वसीम अकरम’
बाएं हाथ के तेज बॉलर वसीम अकरम (Wasim Akram) के बारे में सौरव ने पुस्‍तक में लिखा,’एक और पाकिस्‍तानी प्‍लेयर जिनका मैं बड़ा प्रशसंक था वे थे अकरम. मैं उन्‍हें भारतीय टीम के बॉलिंग कोच के रूप में भी लाने के लिए उत्‍सुक था. मैंने क्रिकेट के मैदान पर उनसे बड़ा करिश्‍माई खिलाड़ी नहीं देखा. लोग कहते हैं कि वे स्विंग के सुल्‍तान थे लेकिन मेरी राय अलग है. मेरे लिए वे तेज गेंदबाजी के ‘शॉपिंग मॉल’ थे. आपको जो चाहिए वह उनके पास मिलेगा. उनको भारतीय टीम के बॉलिंग कोच के तौर पर लाने के मेरे प्रयास सफल नहीं हुए. हो सकता है भारत और पाकिस्‍तान के असहज रिश्‍तों की वजह से ऐसा हुआ हो लेकिन अपने तेज गेंदबाजों के लिए जब भी हमें किसी सलाह की जरूरत पड़ी, उन्‍हें (अकरम को) बस एक फोन करने भर की देर होती थी. एक बार चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान मैं जहीर खान को लेकर वसीम अकरम के पास गया. ऑस्‍ट्रेलिया के एडिलेड में पहला टेस्‍ट खेलने जा रहे इरफान पठान के लिए भी मैंने वसीम से सलाह ली थी. आखिरकार किसी तरह से मैं उन्‍हें कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के बॉलिंग सलाहकार के तौर पर लाने में सफल हो गया. ‘

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‘इंजी महान खिलाड़ी ही नहीं, बेहद प्‍यारे इंसान भी’
इंजमाम उल हक (Inzamam-ul-Haq) की तारीफ करते हुए सौरव ने उन्‍हें महान प्‍लेयर ही नहीं बेहद प्‍यारा इंसान भी बताया. उन्‍होंने लिखा, ‘मैं इस मायने में भी भाग्‍यशाली था कि उनके कप्‍तान (भारत-पाक सीरीज के दौरान) को अच्‍छी तरह से जानता था. पीछे मुड़कर देखता हूं तो पाता हूं कि हम लोग बड़े खुशकिस्‍मत थे कि इंजी 2004 में पाकिस्‍तान की अगुवाई कर रहे थे क्‍योंकि बेहद तनाव भरे माहौल में भी दोनों ही टीमें अच्‍छी खेल भावना से खेलीं.’

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जहीर अब्‍बास से मिली थी बेहद महत्‍वपूर्ण सलाह
सौरव ने पुस्‍तक में लिखा है, ‘जिस पाकिस्‍तानी क्रिकेटर का मैं सबसे ज्‍यादा आभारी हूं वे थे जहीर अब्‍बास. 2006 में कमबैक के दौरान मैं अपनी ग्रिप और स्‍टांस को लेकर उलझन में था .मुझे तेज गेंदबाजों को ज्‍यादा खेलने का समय भी नहीं मिल रहा था. इंग्लिश काउंटी में नॉर्दम्‍पटनशायर की ओर से खेलने के दौरान मुझे जहीर अब्‍बास (Zaheer Abbas) से मिलने का मौका मिला. वे क्रिकेट की गहरी समझ रखते हैं. उन्‍होंने मुझे थोड़ा और आगे बढ़कर खेलने की सलाह दी. उन्‍होंने मुझे तेज गेंदबाजों को खेलने समय मुझे साइड्स की तरफ नहीं, सामने से खेलने के लिए कहा. मेरी ग्रिप भी तुरंत बदल गई. नए स्‍टांस के साथ तालमेल बैठाना कठिन था लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, मैं सहज होता गया और तेज गेंदबाजी को आसानी से खेलने लगा. इसके बाद से मेरे करियर का सुनहरा दौर शुरू हो गया और जब ऐसा हुआ तो मैंने जेड भाई (जहीर अब्‍बास का निकनेम) का शुक्रिया अदा किया.’

Tags: IND vs PAK, India Vs Pakistan, Inzamam ul haq, Shoaib Akhtar, Sourav Ganguly, Team india, Wasim Akram

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