DMCA.com Protection Status रंगदारी का केस सुलझा रही थी पुलिस, इंस्पेक्टर ने एक आवाज सुनी और हिल गई क्रिकेट की दुनिया; क्या था काला सच – News Market

रंगदारी का केस सुलझा रही थी पुलिस, इंस्पेक्टर ने एक आवाज सुनी और हिल गई क्रिकेट की दुनिया; क्या था काला सच

रंगदारी का केस सुलझा रही थी पुलिस, इंस्पेक्टर ने एक आवाज सुनी और हिल गई क्रिकेट की दुनिया; क्या था काला सच

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हाइलाइट्स

मार्च 2000 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया एक वनडे मैच फिक्स था.
पुलिस ने बुकी संजीव चावला और हैंसी क्रोनिए के बीच फोन पर हुई बातचीत टैप की थी.
क्रोनिए ने स्वीकारा था कि मैच से जुड़ी सूचना लीक करने के लिए 15 हजार डॉलर लिए थे.

यह वर्ष 2000 का वाकया है जब सात अप्रैल को सट्टेबाज राजेश कालरा की गिरफ्तारी के साथ दिल्ली पुलिस ने साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम के कप्तान हैंसी क्रोनिए के मैच फिक्सिंग घोटाले में शामिल होने का खुलासा किया तो दुनिया हैरान रह गई. कोई दूसरा होता तो शायद लोग आसानी से यकीन कर लेते. लेकिन साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम के कप्तान हैंसी क्रोनिए? वह क्रिकेट में जननायक की तरह थे, बच्चे उनके नक्शेकदम पर चलने का सपना देखते थे. लेकिन वह शख्स भारत में मैच फिक्सिंग का आरोपी है इसे पचा पाना आसान नहीं था.

जननायक के पतन से बड़ा सदमा दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमियों के लिए शायद ही कोई हो. दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया था कि मार्च 2000 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया एक वनडे मैच फिक्स था. पुलिस ने लंदन में रहने वाले बुकी संजीव चावला और हैंसी क्रोनिए के बीच फोन पर हुई बातचीत टैप की थी. इसी बातचीत में पता चला कि फिक्सिंग के लिए पैसों के लेन-देन हुआ था.

क्रिकेट की दुनिया के सबसे बड़े फिक्सिंग कांड खुलासा भी एक संयोग ही था. दरअसल दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह को 26 जून 1999 में एक नया मामला सौंपा गया था. अपोलो टायर ग्रुप के चेयरमैन और सीनियर अधिकारियों को जबरिया वसूली की धमकियां मिल रही थीं. ईश्वर सिंह को जिम्मेदारी दी गई कि वह जबरिया वसूली के लिए कुख्यात 150 सरगनाओं के बारे में अपने कम्प्यूटर में मौजूद डाटाबेस को खंगाले और अपराधियों का पता लगाएं.  

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किशन कुमार को मिल रही थीं धमकियां
ईश्वर सिंह को जांच के दौरान वे नंबर भी मिल गए जिन्हें ये सरगना इस्तेमाल कर रहे थे. ये वहीं नंबर थे जिनके जरिये टी-सीरीज परिवार के मुखिया गुलशन कुमार के भाई किशन कुमार को धमकियां मिल रही थीं. इसलिए किशन कुमार को बताए बगैर उनकी टेलीफोन कॉलों पर नजर रखी जाने लगी. इन बातचीत का रिकॉर्ड रखा जाने लगा और छानबीन की जाने लगी. 2000 की फरवरी तक ईश्वर सिंह ने वे दो नंबर अलग कर लिए जिन नंबरों से किशन कुमार की नियमित बातचीत होती थी. इनमें एक नंबर संजीव चावला का था, जो लंदन में रहता था, लेकिन उसके सटोरियों से संबंध थे. किशन कुमार से अक्सर बात करने वाला दूसरा व्यक्ति सट्टेबाज संजीव चावला था.

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क्या सुनकर चौकन्ने हुए ईश्वर सिंह
इनके बीच बहुत ज्यादा बात होने से ईश्वर सिंह थोड़ा चौकन्ना हो गए थे. मामला कुछ बड़ा हो सकता है, इसके अंदेशे में इन फोनों को टैप करने की अनुमति मांगी जो मिल गई. इसके बाद संजीव चावला ने जब किशन कुमार से बात की तो पता चला कि मामला कुछ अलग है. संजीव चावला ने किशन कुमार से कहा, “हैंसी क्रोनिए से बात हो गई है, बड़ी रकम हाथ लगेगी.” 14 मार्च को संजीव चावला के फोन से दिल्ली के ताज पैलेस होटल में ठहरे एक गेस्ट से कॉन्टैक्ट किया गया, जिससे ईश्वर सिंह के कान खड़े हो गए. संजीव चावला ने बात शुरू की “हाई हैंसी.” 

पुलिस के पास हैं आठ टेप
ईश्वर सिंह को बाद में भी यकीन नहीं हुआ. उन्होंने कहा था, “विश्वास नहीं होता दक्षिण अफ्रीका का कप्तान इस तरह बातें करने लगा मानों वह संजीव चावला को लंबे समय से जानता हो.” यही थी क्रिकेट के इतिहास की सबसे बदनुमा बातचीत की शुरुआत. इसी बातचीत में पता चला कि फिक्सिंग के लिए पैसों का लेनदेन हुआ था. हालांकि क्रोनिए ने इन आरोपों को गलत बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने जांच कमीशन के सामने इस बात को स्वीकार किया था कि फिक्सिंग मामले में मैच से संबंधित जानकारी लीक करने के लिए उन्होंने 15 हजार डॉलर लिए थे.

इसके बाद क्रोनिए पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था. पुलिस के पास आठ टेप हैं, जिनमें हैंसी क्रोनिए, संजीव चावला, किशन कुमार और राजेश कालरा और अऩ्य लोगों के बीच 14, 16, 18 मार्च को हुई बातचीत दर्ज है. क्रोनिए और संजीव चावला के बीच दिन में कम से कम पांच बार बातचीत हुई. एक बार तो 19 मार्च को नागपुर मैच के पहले सुबह 6.34 पर बातचीत हुई थी.   

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13 साल बाद दाखिल हुई चार्जशीट
दिल्ली पुलिस ने इस चर्चित मैच फिक्सिंग मामले में 13 साल बाद चार्जशीट दाखिल की थी. क्रिकेट की दुनिया को हिलाकर रख देने वाले इस मैच फिक्सिंग कांड में कुल छह लोगों को आरोपी बनाया गया. इसमें केवल एक ही क्रिकेटर का नाम था, वह थे हैंसी क्रोनिए. क्रोनिए खुद 2002 में एक हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए थे. हालांकि इस मामले में कई भारतीय खिलाड़ियों के नाम भी सामने आए थे, लेकिन चार्जशीट में किसी का भी नाम नहीं था. साउथ अफ्रीका के दो क्रिकेटरों हर्शल गिब्स और निकी बोए के खिलाफ भी पर्याप्त सबूत मिले थे, लेकिन उनके नाम भी चार्जशीट में नहीं थे.

68 टेस्ट और 188 वनडे खेले क्रोनिए ने
हैंसी क्रोनिए की जब हेलीकाप्टर दुर्घटना में मृत्यु हुई तो उस समय उनकी उम्र 32 साल थी. क्रोनिए ने साउथ अफ्रीका की ओर से 68 टेस्ट और 188 वनडे मैच खेले. टेस्ट में उन्होंने छह शतक और 23 अर्धशतक की मदद से 3714 रन बनाए थे. बतौर गेंदबाज उन्होंने 43 विकेट भी झटके थे. वहीं वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में क्रोनिए ने दो शतक और 39 अर्धशतक के दम पर 5565 रन बनाए. 114 विकेट अपने नाम किए.

Tags: Cricket, Delhi police, Match fixing, South africa

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