DMCA.com Protection Status मन-कक्ष में मिलता है तनाव और फोबिया से छुटकारा, 2 महीने में पहुंचे 800 से ज्यादा मरीज – News Market

मन-कक्ष में मिलता है तनाव और फोबिया से छुटकारा, 2 महीने में पहुंचे 800 से ज्यादा मरीज

मन-कक्ष में मिलता है तनाव और फोबिया से छुटकारा, 2 महीने में पहुंचे 800 से ज्यादा मरीज

[ad_1]

दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम. पिछले दो माह से नर्मदापुरम जिला अस्पताल के मन कक्ष में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है. यह हम नहीं कह रहे, बल्कि अस्पताल में आने वाले मरीजों के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. इन मरीजों में विद्यार्थी और युवा शामिल हैं, गृहिणियां हैं. कोई फोबिया का शिकार है, तो किसी को डिप्रेशन की परेशानी. सवाल भी कैसे-कैसे पूछ रहे- बार-बार हाथ धोना क्या गलत है? सिर दर्द के लिए मन कक्ष में क्यों? क्या मैं पागल हूं? खुश रहना पागलपन है क्या?

ऐसे तमाम सवालों से जिला अस्पताल के मन कक्ष में तैनात डॉक्टर रोज जूझ रहे हैं. दरअसल पिछले दो माह में 801 मरीज मन कक्ष में अपना इलाज कराने पहुंचे हैं. इसमें खास बात यह है कि इनमें पुरुषों की संख्या आधिक है. मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. सजून सिंह सेंगर ने लोकल 18 को बताया कि मन कक्ष में इलाज के लिए लोगों का पहुंचना संकेत है कि पहले की अपेक्षा अब लोग स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गए हैं. लोगों की झिझक दूर हुई है. जनवरी में 340 लोग मन कक्ष में पहुंचे थे. इनमें 141 महिला और 199 पुरुष थे. वहीं फरवरी में 461 लोग मन कक्ष पहुंचे, जिनमें 203 महिलाएं और 258 पुरुष शामिल थे.

किन कारणों से बिगड़ती है मानसिक स्थिति

  • फोबिया: यह एक प्रकार का मनोविकार है. इसमें चिंता होती है. व्यक्ति विशेष वस्तुओं, परिस्थितियों आदि से डरने लगता है. इन बातों से व्यक्ति में घबराहट या डर पैदा होता है.
  • तनाव: अवसाद या परेशान करने वाली घटना से तनाव की शुरुआत होती है. शोक, रिश्ते का टूटना, नौकरी छूट जाना, जीवन की विषम परिस्थितियां, अकेलेपन की वजह से व्यक्ति तनाव का शिकार हो जाता है.
  • एंजायटी: यह ऐसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें बहुत ज्यादा चिंता, बेचैनी या डर से व्यक्ति को रोजमर्रा के काम करने में काफी कठिनाई होती है. मरीज को अचानक ज्यादा घबराहट होती है या वह पैनिक हो जाता है. कई बार ऐसी स्थिति में व्यक्ति दूसरों को भी नुकसान पहुंचाता है.
  • ओसीडी: यह सदमे के बाद तनाव का विकार है. इसमें एक तरह से व्यक्ति किसी भी बात के लिए जुनूनी सा हो जाता है. साथ ही उसमें बार-बार हाथ धोने, सफाई अधिक करने, जैसे कई प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं, जो असामान्य होते हैं.

मरीजों ने बताई परेशानी
लोकल 18 ने हॉउसिंग बोर्ड निवासी 40 साल के व्यक्ति से बात की. उन्होंने बताया कि मेरी मार्केटिंग की नौकरी है. इसमें हमेशा टारगेट का अधिक दबाव रहता है. साथ ही नौकरी छूटने का डर हमेशा बना रहता है. इसके कारण मुझे बेचैनी, सिर दर्द के साथ ही नींद नहीं आने जैसी समस्या हो रही थी. जिला अस्पताल के मन कक्ष में दिखाकर आया. फिर राहत मिली. वहीं शहर की एलआईजी कॉलोनी में रहने वाली 45 साल की एक महिला ने लोकल18 को बताया कि वह कुछ दिनों से सिर दर्द से परेशान थीं. मन कक्ष में इलाज के बाद मुझे आराम मिला है. अब नींद भी आ रही है, साथ ही सिर दर्द से भी राहत मिली है.

Tags: Latest Medical news, Local18, Mp news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *