DMCA.com Protection Status ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है दालचीनी, हार्ट के लिए बेहद गुणकारी, कभी चांदी से 15 गुना ज्यादा थी कीमत ! – News Market

ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है दालचीनी, हार्ट के लिए बेहद गुणकारी, कभी चांदी से 15 गुना ज्यादा थी कीमत !

ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है दालचीनी, हार्ट के लिए बेहद गुणकारी, कभी चांदी से 15 गुना ज्यादा थी कीमत !

[ad_1]

हाइलाइट्स

दालचीनी का सेवन करने से हार्ट डिजीज से बचाव किया जा सकता है.
दालचीनी में कई औषधीय गुण होते हैं, जो बीमारियों से बचा सकते हैं.

Cinnamon Health Benefits: भारत भर में मशहूर गरम मसाले में पीसे जाने वाले घटकों में दालचीनी (Cinnamon) भी एक है. यह चमत्कारी मसाला है, जिस कारण इसे औषधि भी कहा जाता है. शरीर के लिए इसे बेहद गुणकारी माना जाता है. इसका नियमित सेवन किया जाए तो यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करती है. हार्ट के लिए भी यह बेहद गुणकारी है. दालचीनी के एंटीऑक्सीडेंट लाभ हैरानी करने वाले हैं.

आधुनिक वनस्पति विज्ञान भी दालचीनी का लोहा मान चुका है. इसलिए कि इसमें पाए जाने वाले विटामिन्स व मिनरल्स अन्य मसालों से अलग हैं. इसकी खुशबू और हल्की सी मिठास भोजन में स्वाद भर देती है. आधुनिक आयुर्वेद भी दालचीनी को गुणकारी मानता है. जानी मानी आयुर्वेदाचार्य डॉ. वीना शर्मा के अनुसार इसके सेवन से पाचनतंत्र संबंधी विकार, दांत, व सिर दर्द, चर्म रोग, ठीक किए जा सकते हैं. शरीर को बीमारियों से बचाने में यह रामबाण है. हृदय रोगों के बचाव के लिए दालचीनी का सेवन करना चाहिए.

दालचीनी के प्रमुख गुण कर देंगे हैरान

1. ‘औषधीय पौधे’ नामक पुस्तक के लेखक व बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (BSI) के निदेशक रहे डॉ. सुधांशु कुमार जैन दालचीनी को मसाला औषधी मानते हैं. उनका कहना है कि यह अंतड़ियों के लिए बलकारक है और तथा शरीर के कीटाणु व फंगस को नष्ट करती है. इसमें ब्लड शुगर को कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं. यह हार्मोन इंसुलिन के प्रति सेंसेटिविटी को काफी बढ़ा देती है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. यह हीमोग्लोबिन में भी सुधार करती है. रिसर्च बताता है कि दालचीनी भोजन के बाद शरीर के ब्लड में प्रवेश करने वाली चीनी की मात्रा को कम कर देती है. इसमें मौजूद एक खास यौगिक ही कोशिकाओं में शुगर को सोखने में कारगर है.

2. मसाला प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले व भारत की एग्मार्क लेब के संस्थापक निदेशक जीवन सिंह प्रुथी ने अपनी पुस्तक ‘Spices And Condiments’ में जानकारी दी है कि दालचीनी में पाए जाने वाले विशेष तत्वों में रेशा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियन, फास्फोरस, लौह, सोडियम, पोटेशियम व विटामिन ए, बी, सी आदि भी पाए जाते हैं. यह उत्तेजक है और इसका तेल भी लाभकारी है. यही विशेष तत्व हार्ट के लिए गुणकारी हैं. यह बेड कोलेस्ट्रॉल के अलावा ट्राइग्लिसराइड्स (शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है) के स्तर को भी कम कर देती है. इन दोनों को हार्ट के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. इसका लाभ यह भी रहता है कि बीपी भी कंट्रोल में रहता है.

3. दालचीनी चमत्कारी रूप से एंटिऑक्सीडेंट से भरपूर है. असल में एंटिऑक्सीडेंट वे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से बचाते हैं. फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कण हमारे शरीर में मुख्य रूप से भोजन के पाचन के दौरान उत्पन्न होते हैं. ये हानिकारक अणु होते हैं, जो शरीर की अंदरूनी कोशिकाओं (Cells) को डैमेज करते हैं. यही कारण है कि जब शरीर में इनकी मात्रा बढ़ने लगती है तो बीमारियां होने लगती हैं और स्किन पर बुढ़ापा भी उम्र से पहले ही झलकने लगता है. इन मुक्त कणों को कंट्रोल करने का काम एंटिऑक्सीडेंट करते हैं. अर्थ यही है कि दालचीनी शरीर को सामान्य बीमारियों से बचाती है और उसे लगातार स्वस्थ रखती है. इसमें पॉलीफेनोल्स भी पाया जाता है जो पाचन, दिमाग को भी कूल रखता है और रक्त के थक्कों, हृदय रोग में लाभकारी है.

4. समें सूजनरोधी गुण (Anti Inflammatory) गुण भी पाए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि दालचीनी में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड ही सूजन में लाभकारी है. इसका लाभ यह रहता है कि जोड़ों में सूजन के साथ-साथ दर्द से भी बचाव होता है. यह शरीर को संक्रमण से भी बचाती है, यानी बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण को भी रोकने में कारगर है. लोग इस प्रकार की परेशानियों से दुखी हैं तो दालचीनी उनके लिए लाभकारी है. ऐसा भी माना जाता है कि इसका सेवन नर्वस सिस्टम को भी कूल बनाए रखता है. इसके इस्तेमाल का आसान तरीका यह है कि दालचीनी को पीसकर पाउडर बना लें. सब्जी, विभिन्न प्रकार के आहार के अलावा गर्म चाय में इसका सेवन करें. बाकी काम यह खुद कर लेगी.

यह भी पढ़ें- हाथ में चुभती हैं पत्तियां, मगर खा लें तो दिल, हड्डियां और पेट कहेगा- वाह क्या बात!

जानें दालचीनी का इतिहास और सफर

फूड हिस्टोरियन दालचीनी की उत्पत्ति श्रीलंका (सीलोन) को मानते हैं और कहते हैं कि हजारों वर्ष पूर्व ही यह दक्षिण भारत में पहुंच चुकी थी. उसके बाद यह दूसरे देशों में पहुंची. ईसाइयों के धार्मिक ग्रंथ ‘बाइबिल’ में विशेष संदर्भ में इसका वर्णन है. हजारों वर्ष पूर्व दालचीनी को चांदी से भी बेशकीमती माना जाता था. रोमन साम्राज्य (पहली शताब्दी ईस्वी) में जन्मे लेखक प्लिनी द एल्डर (Pliny The Elder) की पुस्तक नेचुरल हिस्ट्री (Natural History) के बॉटनी अध्याय में बताया गया है कि 350 ग्राम दालचीनी का मूल्य पांच किलोग्राम चांदी की कीमत के बराबर था. आज दालचीनी का विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में स्वाद घोलने के अलावा मदिरा व अन्य पेय पदार्थों के साथ-साथ बेकरी, इत्र, मरहम व दवाओं में उपयोग के लिए किया जाता है.

यह भी पढ़ें- कद्दू के फायदे: डिप्रेशन से लड़े, बुढ़ापे को भगाए, मिनरल से भरपूर इस सब्जी का दिलचस्प है सफर

Tags: Blood Sugar, Health, Lifestyle, Trending news

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *