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विशाल भटनागर/मेरठः जंगलों में अधिकांश फसलों में मिलने वाली सत्यानाशी घास किसानों को काफी परेशान करती है. वहीं दूसरी ओर अगर आयुर्वेदिक पद्धति की बात की जाए तो इस घास को काफी उपयोगी माना जाता है. इसकी रूट, पत्तियां और इसके फूल को विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए दवाइयां में उपयोग किया जाता है.
अलग-अलग मेडिसिन प्लांट पर अच्छी पकड़ रखने वाले चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित बॉटनी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं मेडिसिन पौधों के एक्सपर्ट प्रोफेसर विजय मलिक के अनुसार सत्यानाशी घास का एक-एक हिस्सा काफी उपयोगी होता है. वह कहते हैं कि कुछ लोग अस्थमा एवं खांसी से काफी परेशान रहते हैं. ऐसे में अगर इसकी रूट का पाउडर बनाकर उसका उपयोग करने लगेंगे तो इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी.
फूलों से हो जाता है सफेद दाद का भी निवारण
प्रोफेसर मलिक कहते हैं कि सफेद दाद की बीमारी से लोग काफी प्रभावित दिखाई देते हैं. उसको ठीक करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाइयां का भी उपयोग करते हैं. लेकिन इस जंगली घास की बात की जाए तो यह सफेद दाद के लिए रामबाण मानी जाती है. इसका फूल अच्छे से क्रश करने के बाद शरीर के जिस भी अंग पर सफेद दाद है उस स्थान पर प्रतिदिन इसके फूल को लगाया जाए तो कुछ ही दिन में ही यह सफेद दाद को जड़ से समाप्त करने में मददगार साबित होगा. क्योंकि इसमें ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो सफेद दाद को जड़ से समाप्त करने में काफी सहायक होते हैं.
त्वचा के लिए उपयोगी है औषधि
प्रोफेसर मलिक कहते हैं भले ही सत्यानाशी पौधे में विभिन्न प्रकार के कांटे लगे हुए हो. लेकिन यह औषधि पौधा त्वचा के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. जिस प्रकार एलोवेरा त्वचा को बेहतर बनाने के लिए काफी उपयोगी होता है. इस तरह से सत्यानाशी घास की रूट होती है. जब आप उसे तोड़ेंगे तो उसमें से भी जेल की तरह पानी निकलता है. उस जेल का उपयोग अगर आप त्वचा पर किसी भी प्रकार के दाद पर करेंगे तो उसे जड़ से समाप्त करते हुए आपकी खूबसूरती बढ़ाने में यह मददगार साबित होगा.
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FIRST PUBLISHED : April 4, 2024, 11:00 IST
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