DMCA.com Protection Status कार्डियक अरेस्ट आने पर दिखते हैं ये 6 गंभीर लक्षण, भूलकर भी न करें इग्नोर, समय रहते पहुंचे हॉस्पिटल वरना… – News Market

कार्डियक अरेस्ट आने पर दिखते हैं ये 6 गंभीर लक्षण, भूलकर भी न करें इग्नोर, समय रहते पहुंचे हॉस्पिटल वरना…

कार्डियक अरेस्ट आने पर दिखते हैं ये 6 गंभीर लक्षण, भूलकर भी न करें इग्नोर, समय रहते पहुंचे हॉस्पिटल वरना...

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Symptoms of Cardiac Arrest: आजकल हार्ट अटैक और सडन कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के कारण लोगों की कम उम्र में ही मौत होने के काफी मामले सामने आ रहे हैं. पिछले महीने मशहूर टीवी एक्टर ऋतुराज सिंह और टीवी शो उड़ान में काम कर चुकीं एक्टर कविता चौधरी की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गई थी. आखिर क्या है कार्डियक अरेस्ट और कैसे पहचानें इसके लक्षणों को, यहां जानिए.

क्या है कार्डियक अरेस्ट?

कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है. इसमें तुरंत ही पीड़ित व्यक्ति की जान बचाने के लिए सीपीआर (CPR)देनी होती है वरना व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है. इस चिकित्सीय आपात स्थिति में तत्काल सीपीआर या डिफाइब्रिलेटर देने के साथ ही हॉस्पिटल पहुंचाना बहुत ही जरूरी हो जाता है. सडन कार्डियक अरेस्ट (एससीए) एक अनियमित हार्ट रिदम के कारण हृदय की सभी गतिविधियों का अचानक समाप्त हो जाना है. इसमें सांस भी रुक जाती है. कार्डियक अरेस्ट के कई हालिया उदाहरणों को देखते हुए, तत्काल चिकित्सा सहायता लेने के लिए कार्डियक अरेस्ट के संकेतों और लक्षणों को पहचानना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.

कार्डियक अरेस्ट के संकेत और लक्षण

अचानक चेतना खोना: कार्डियक अरेस्ट का सबसे आम संकेत बिना किसी स्पष्ट कारण के चेतना (consciousness) खोना है. इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति उत्तेजनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं कर सकता है और सांस या नाड़ी भी नहीं चलती.

असामान्य सांस लेना: कार्डियक अरेस्ट आने पर व्यक्ति की सांस लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से रुक जाती है या अनियमित हो जाती है. इसे एगोनल ब्रीदिंग कहा जाता है और यह गंभीर संकट का संकेत है.

नाड़ी का पता ना लगना- कलाई या गर्दन पर जांच करते समय नाड़ी चलने का पता नहीं लग पाता है. इससे पता चलता है कि हृदय प्रभावी ढंग से रक्त पंप नहीं कर रहा है.

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सायनोसिस: कार्डियक अरेस्ट आने पर कई बार पीड़ित व्यक्ति की त्वचा का रंग नीला पड़ जाता है. विशेष रूप से होठों, उंगलियों और नाखूनों के आसपास. ऐसे में इन भागों पर ध्यान देना चाहिए. सायनोसिस (Cyanosis) इसलिए होता है, क्योंकि शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता है.

प्रतिक्रिया की कमी: चेतना खोने के अलावा, कार्डियक अरेस्ट आने पर जब आप पीड़ित व्यक्ति को जगाने या उत्तेजित करने की कोशिश करेंगे तो वह कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देगा. किसी भी आवाज, स्पर्श से हिलेंगे-डुलेंगे नहीं, बोलेंगे या प्रतिक्रिया नहीं करेंगे.

सीने में दर्द या बेचैनी महसूस करना: कुछ मामलों में, कार्डियक अरेस्ट होने से पहले सीने में दर्द या बेचैनी महसूस हो सकती है. यह छाती के बीच में दबाव, निचोड़ने, परिपूर्णता या दर्द जैसा महसूस हो सकता है, जो बाहों, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट जैसे अन्य क्षेत्रों तक फैल सकता है.

क्या करें
यदि आपको लगता है कि किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आया है तो उसे तुरंत ही सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दें. इसमें प्रति मिनट 100-120 की दर से 30 बार छाती पर दबाव देकर शुरुआत करें. इसके बाद 2 बार सांसें दें. यदि आप सीपीआर में प्रशिक्षित नहीं हैं, तो मदद आने तक लगातार छाती को दबाने की कोशिश करते रहें. सीपीआर शरीर में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजनेशन को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

Tags: Cardiac Arrest, Heart attack, Heart Disease, Lifestyle

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